
नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता प्रतिपक्ष अंश नारंग ने सोमवार को शिक्षा विभाग के निदेशक संजय सिंह का अचानक तबादला होने के बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह कदम विभाग में चल रही अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि नई व्यवस्था में सीनियरिटी लिस्ट और प्रिंसिपल प्रमोशन लिस्ट में हुई कथित धांधलियों की निष्पक्ष जांच होगी।
अंकुश नारंग ने बताया कि एमसीडी शिक्षा विभाग में सीनियरिटी लिस्ट, प्रिंसिपल प्रमोशन लिस्ट और शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों को आआपा ने लंबे समय से उठाया है। इन मुद्दों को संज्ञान में लेते हुए संजय सिंह को शिक्षा निदेशक पद से हटा दिया गया।
नारंग ने कहा कि अब निगमायुक्त को इन अनियमितताओं की जांच करानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
नारंग ने 30 जून 2025 को आयोजित पत्रकार वार्ता का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की वरिष्ठता सूची (1995 से 2002 तक) और स्थानांतरण नीति में गड़बड़ियां उजागर की गई थीं। उन्होंने बताया कि दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (डीएसएसबी) ने 2001 में पहली भर्ती की थी, लेकिन विभाग ने बिना उचित मापदंडों के मेरिट लिस्ट तैयार कर ली। प्रमोशन सूची में मार्क्स को खाली छोड़ दिया गया और केवल सेवानिवृत्ति की तारीख (30 जून 2025) दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठता सूची सही नहीं थी, तो प्रमोशन कैसे सही हो सकती है?
नारंग ने कहा कि शिक्षा निदेशक का तबादला तुरंत प्रभाव से हुआ है, जो विभाग में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। उन्होंने मांग की है कि निगम आयुक्त इन मुद्दों की गहन जांच कराएं और प्रभावित शिक्षकों को न्याय मिले। एमसीडी शिक्षा विभाग के तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों की शिक्षा पर इन अनियमितताओं का असर पड़ रहा है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
