
जयपुर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट पीजी-2025 की डेंटल सीट विवाद मामले में एमबीसी अभ्यर्थी को राहत देकर उसके अधिकार संरक्षित रखने के लिए कहा है। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव, चेयरमैन नीट पीजी बोर्ड सहित एक अन्य से 21 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश सियाराम गुर्जर की याचिका पर दिया।
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि 2 जुलाई की नोटिफिकेशन के अनुसार, राज्य के सरकारी डेंटल कॉलेजों में 14 सीटें हैं। इनमें से तीन सीट ओबीसी व एक सीट एमबीसी वर्ग के लिए है, लेकिन 11 जुलाई को जारी पहली काउंसलिंग में चार सीटें ओबीसी वर्ग को दे दी गई, एमबीसी वर्ग को कोई सीट नहीं दी। याचिकाकर्ता की एमबीसी वर्ग में दूसरी रेंक थी। उसे पता चला कि पहले रैंक वाले रमेश कुमार ने पहली काउंसलिंग में पंजीकरण नहीं कराया है और वह ऑल इंडिया कोटे में सीट ले चुका है। ऐसे में एमबीसी वर्ग में याचिकाकर्ता की पहली रेंक होती है। इसके बावजूद 16 जुलाई को हुई दूसरे राउंड की काउंसलिंग में भी एमबीसी वर्ग में कोई सीट नहीं दिखाई। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि 11 जुलाई को जारी की गई अस्थाई सूची में संशोधन कर दूसरी काउंसलिंग में एमबीसी वर्ग को सीट दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के हित संरक्षित रखते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
