Madhya Pradesh

मातृशक्ति ईश्वर का प्रत्यक्ष स्वरूप: गुरू मां आनंदमयी

मातृशक्ति ईश्वर का प्रत्यक्ष स्वरूप: गुरू मां आनंदमयी

उज्जैन, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को अखिल भारतीय विद्या भारती के तत्वावधान में मालवा प्रांत उज्जैन विभाग का सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम सरस्वती शिशु मंदिर,संस्कार भवन,ऋषिनगर में हुआ। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर गुरु मां आनंदमयी का सम्मान किया गया। कथाओं के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में महिला सशक्तिकरण एवं मातृशक्ति जागरण के लिए प्रेरणादायक संदेश दे रही गुरु मां आनंदमयी ने कहा कि मातृशक्ति ईश्वर का प्रत्यक्ष स्वरूप है, जिसमें सृजन-करुणा और संरक्षण तीनों का संगम है। जब नारी अपने भीतर की इस दिव्यता को पहचान लेती है, तो पूरा समाज प्रकाशमान हो उठता है।

मुख्य वक्ता सह प्रांत संयोजिका- सप्तशक्ति संगम, मालवा प्रांत एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष विद्या भारती ग्रामीण शिक्षा अमृता भावसार ने कहा कि मातृशक्ति समाज की पहली गुरु होती है। यदि घर में संस्कार है, तो वही आगे चलकर राष्ट्र के निर्माण की नींव बनता है। विशिष्ट अतिथि प्रांतीय सह सचिव, विद्या भारती ग्रामीण शिक्षा डॉ. डॉली गिरि गोस्वामी ने कहाकि नारी की संवेदना और सामथ्र्य दोनों मिलकर परिवार,समाज और संस्कृति के संतुलन की सबसे बड़ी शक्ति हैं। पूर्व विधायक डॉ.प्रीति भार्गव ने कहा कि हर स्त्री के भीतर एक माँ, एक मार्गदर्शक और एक निर्माता छिपी होती है, उसे पहचानने और सशक्त करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शक्ति समिति की सदस्य डॉ.अंशु घोष ने की। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति केवल जीवनदायिनी नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाली शक्ति है। उसकी भूमिका हर युग में अमूल्य रही है। कुटुंब प्रबोधन की दृष्टि से कमला चौहान का विशेष सम्मान किया गया, जिन्होंने अपने परिवार की चार पीढिय़ों को संस्कारों से जोड़कर रखा है। अलका पुरोहित ने मातृशक्तियों के बीच प्रश्नोत्तरी आयोजित की। अंजलि पांड्या ने जीजाबाई,कल्पना हनोतिया ने डॉ. मैथिली रेड्डी, दीपिका बंदिया ने सावित्रीबाई फुळे,विनीता त्रिवेदी ने अहिल्याबाई होलकर तथा सपना अमेलिया ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का सशक्त रूप प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में संस्कार भवन के प्राचार्य राधेश्याम शर्मा,सप्तशक्ति कार्यक्रम के जिला पालक अभिलाष जैन,श्वेता राजपूत,शिवानी राजपूत,भावना वर्मा, सीमा सोनी तथा पूजा गोठी भी उपस्थित थीं।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल