लखनऊ, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत दिव्यांगजनों को विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यदि युवक दिव्यांग है, तो उसे 15 हजार, युवती दिव्यांग है, तो 20 हजार और यदि दोनों दिव्यांग हैं, तो 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होती है।
बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 2.64 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया था, जिसमें से 1.92 करोड़ रुपये व्यय कर 819 लाभार्थी दंपत्तियों को सहायता प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक ‘शादी विवाह प्रोत्साहिन पुरस्कार योजना’ के अंतर्गत 74 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए हैं ताकि हर पात्र दिव्यांगजन को समय से सहयोग मिल सके।
दिव्यांगजनों के लिए राज्य सरकार की यह योजना केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि समाज में उनकी गरिमा को पुनः स्थापित करने की ईमानदार कोशिश है। विवाह के अवसर पर मिलने वाला आर्थिक सहयोग न सिर्फ उनके आत्मबल को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन की नई शुरुआत करने में सशक्त बनाता है। इससे समाज में समावेशिता और सशक्तिकरण की नई मिसाल स्थापित हो रही है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने की सुविधा के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के पात्र दंपती इस योजना का लाभ उठा सकें। विभाग द्वारा 74 हजार से अधिक आवेदनों का शीघ्र सत्यापन और निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शी है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर लाभार्थियों तक सीधा लाभ पहुंचाती है।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन है कि हर दिव्यांगजन को सम्मान और समान अवसर मिले। शादी अनुदान योजना इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो दिव्यांग दंपत्तियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाती है। हमने इस वर्ष 74 हजार से अधिक आवेदनों को समयबद्ध रूप से निस्तारित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे। डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सहायता सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
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(Udaipur Kiran) / दीपक
