Chhattisgarh

करवा चौथ की तैयारी से सजा बाजार, शुक्रवार को सुहागिनें रखेंगी निर्जला व्रत

करवा चौथ को लेकर बाजार में पूजन सामग्री की खरीदती हुई महिला।

धमतरी, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । शहर में करवा चौथ पर्व 10 अक्टूबर को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। पर्व के चलते बाजार में रौनक है। सुहागिन महिलाएं करवा, मिट्टी के दीये, चलनी, चुनरी और श्रृंगार की वस्तुओं की खरीदारी में व्यस्त हैं। बाजारों में जगह-जगह सजे स्टाल और भीड़भाड़ से पर्व का उल्लास झलक रहा है।

विक्रेताओं सोहद्रा कुंभकार, प्रमिला बाई ने बताया कि करवा चौथ को लेकर उन्होंने आकर्षक मिट्टी के करवे तैयार किए हैं, जिन्हें रंग-रोगन कर सुंदर ढंग से सजाया गया है। करवे लगभग सौ रुपये में बिक रहे हैं। साथ ही व्रत में उपयोगी अन्य सामग्रियों की भी मांग बढ़ गई है, जिससे व्यापारी उत्साहित हैं। खिलौने बेंचने वाली प्रमिला सिन्हा, धनेश्वरी साहू और मालती ने बताया कि उन्हें करवा चौथ पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और मंगलकामना के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को सोलह श्रृंगार कर चांद का दीदार करने के बाद पति की पूजा कर उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ती हैं। बाजार में झालर, रंगीन लाइटें, फूल-पत्ते, मेंहदी, चूड़ियां, बिंदी, साड़ियां और मिठाइयों की खरीदारी हो रही है। सोने-चांदी के आभूषणों की दुकानों में भी महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है, जबकि कपड़ा, करस्मेटिक और किराना दुकानों में रौनक बनी हुई है।

करवा चौथ व्रत के पीछे एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार, वीरावती नामक पतिव्रता स्त्री ने करवा चौथ का व्रत रखा था। भूख-प्यास से व्याकुल वीरावती को उसके भाइयों ने छल से झूठे चंद्रमा की रोशनी दिखाकर व्रत तुड़वा दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति की मृत्यु हो गई। वीरावती ने तपस्या कर देवी से प्रार्थना की और अगले वर्ष पुनः विधिपूर्वक व्रत कर अपने पति को जीवनदान दिलाया। तब से यह व्रत पतिव्रता नारी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया।

इस बार करवा चौथ कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि पर पड़ रहा है। विप्र विदवत परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक शास्त्री के अनुसार इस दिन शनि मीन राशि, गुरु और चंद्रमा मिथुन राशि में तथा शुक्र और सूर्य कन्या राशि में रहेंगे। साथ ही यह दिन शुक्रवार होने से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस शुभ योग से व्रत रखने वाली महिलाओं का उत्साह दोगुना हो गया है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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