Jharkhand

मुख्यमंत्री और डीजीपी के संरक्षण में कई लुटेरे अवैध गतिविधियों को दे रहे अंजाम : बाबूलाल

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की फाइल फोटो

रांची, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पर राज्य की संपत्ति को लूटने वाले और अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

मरांडी ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि समाचारों से पता चल रहा है कि फिलहाल जमानत पर बाहर रामगढ़ पुलिस का वांटेड राजेश राम डीजीपी के कार्यालय में लगातार आता-जाता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे कभी गिरफ्तार ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहली बार जब राजेश राम गिरफ्तार हुआ था, उसके बाद इंस्पेक्टर गणेश सिंह ने भुरकुंडा थाना प्रभारी से बात की थी। यह शायद वही गणेश हैं, जिन्हें अवैध डीजीपी का वरदहस्त प्राप्त है, या यूं कहें तो अवैध डीजीपी के “अवैध संसाधन” संग्रहकर्ताओं की टीम के प्रमुख सदस्य हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक वायरल ऑडियो के मुताबिक पुलिस मुख्यालय में तैनात,अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता के करीबी माना जाने वाला सिपाही रंजीत राणा ने ओडिशा के उसी कारोबारी से संपर्क करने का प्रयास किया, जिससे राजेश राम ने कथित रूप से 65 लाख रुपये की वसूली की। उन्होंने कहा कि उपरोक्त बातें सभी को कोई फिल्मी स्क्रिप्ट जैसा दिखाई देता होगा, लेकिन यह हकीक़त है। राजेश, गणेश, राणा, दीपक जैसे कई और महारथी तो इस महालूट के किरदार मात्र हैं, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीजीपी के इशारे पर अपने-अपने हिस्से के गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन को मेरे एक मई 2025 का यह ट्वीट संज्ञान में होगा। अगर भूल गये हों, तो फिर से देख लें और फिर यह बताएं कि इन अवैध वसूलियों में उनकी कितनी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले में समय पर चार्जशीट दाखिल न कर छत्तीसगढ़ से लेकर एनसीआर दिल्ली तक जिन धनपशु माफियाओं को ज़मानत दिलवायी गयी, उसमें सौ करोड़ से भी ज्यादा के वारे-न्यारे होने की चर्चा है। इसमें मुख्यमंत्री को कितना शेयर मिला और अगर नहीं मिला तो चार्जशीट दाखिल न कर पाने के ज़िम्मेवार किन अफ़सरों पर उन्होंने कठोर कार्रवाई की और उन्हें क्या सज़ा मिली?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज से करीब 30 साल पहले जब तकनीक विकसित नहीं हुई थी, तब भी जांच एजेंसियों ने चारा घोटाले का पर्दाफाश कर घोटालेबाजों को कड़ी सजा दिलाने का काम किया था। अब तो तकनीक काफी आगे जा चुकी है। आप यह कैसे मान बैठे हैं कि आप जो मर्जी सो लूटते रहेंगे और मंहगे वकीलों के दम पर हर बार बच ही जायेंगे। कहीं लिखकर रख लीजिये। भले ही थोड़ा वक्त लगे, लेकिन इन महाघोटालों के लिये देर सबेर आप पकड़े जायेंगे और सजा भी होगी। —————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

Most Popular

To Top