-जिले में दो सौ से अधिक गांवों की जलापूर्ति हो रही प्रभावित
-योजनाओं के मरम्मत को चाहिए दो करोड़ से अधिक
रुद्रप्रयाग, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । बरसात से जलसंस्थान की 170 से अधिक पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो रखी है, जिससे कई गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीण प्राकृतिक जलस्रोतों और बरसाती पानी से अपनी जरूरतमें पूरी कर रहे हैं। वहीं, जलसंस्थान की ओर से
प्लास्टिक के पाइपों के सहारे कई क्षेत्रों में अस्थायी सप्लाई कराई जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की स्थायी मरम्मत में दो करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की अनुमान है। दो माह से अधिक समय से मानसून सक्रिय है, जिससे सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। बरसात से जलसंस्थान की 170 से अधिक पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। पोंणगाड़ पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से लस्या क्षेत्र के जयंती, कोठियाड़ा सहित छह से अधिक गांवों में ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। ग्रामीण बरसाती पानी और दूरस्थ जलस्रोतों से अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। वहीं, ग्राम पंचायत कालोगाड-खेड़ाखाल-बंगोली पेयजल योजना भी क्षतिग्रस्त हो रखी है। यहां स्रोत से प्लास्टिक पाइपों के सहारे पानी की सप्लाई की जा रही है। सुनाऊं ग्राम पंचायत की पेयजल लाइन को ग्रामीणों ने प्लास्टिक पाइपों के सहारे जोड़ रखा है। पेयजल लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से जखोली, अगस्तयमुनि और ऊखीमठ ब्लॉक के 200 से अधिक गांवों में जलापूर्ति प्रभावित हुई है।
इधर, जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता अनीश पिल्लई ने बताया कि बरसात से क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की स्थायी मरम्मत के लिए दो करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। बताया कि मौसम में सुधार होते ही योजनाओं की स्थायी मरम्मत की जाएगी। सभी प्रभावित गांवों में अस्थायी व्यवस्था से जलापूर्ति का प्रयास किया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / दीप्ति
