

हजारों लोग सड़क पर उतरे, लगाया जाम
चंडीगढ़, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । भिवानी जिले के लोहारू क्षेत्र के गांव ढाणी लक्ष्मण की 19 वर्षीय शिक्षका मनीषा की मौत को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रशासन जहां इसे आत्महत्या बता रहा है, वहीं ग्रामीण और परिजन इसे षड्यंत्रजनित हत्या मान रहे हैं। इसी विरोध में मंगलवार को परिवार के साथ हजारों लोग सड़क पर उतर आए और शव के अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। ढाणी लक्ष्मण में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने गांव ढाणी लक्ष्मण को जाता रास्ता रोक दिया। युवाओं के साथ महिलाएं भी गांव के एंट्री पॉइंट पर इकट्ठा हो गईं।
उन्होंने कहा कि वह बिना इंसाफ मिले मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। गुस्से और अफवाहों पर काबू पाने के लिए हरियाणा सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी जिलों में मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस और डोंगल सेवाओं को अस्थायी रूप से 21 अगस्त तक बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि ब्रॉडबैंड इंटरनेट और वॉयस कॉल सेवाएं चालू रहेंगी। प्रशासन का कहना है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और अफवाहों से स्थिति बिगड़ सकती थी, इसलिए यह कदम उठाया गया।
11 अगस्त को घर से निकली थी मनीषा
मनीषा 11 अगस्त को घर से स्कूल के लिए निकली थी। वहां से कॉलेज में एडमिशन का पता करने जाते वक्त वह गायब हो गई। 13 अगस्त को उसका शव मिला था। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मनीषा के शरीर में जहर
चिकित्सकों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में जहर पाए जाने की पुष्टि हुई है। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसकी हैंडराइटिंग भी मैच होना बताया गया और शव को जंगली जानवरों द्वारा नोचने की बात कही गई।
मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती – मनीषा के पिता
मंगलवार सुबह मनीषा के पिता संजय ने कहा कि मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। प्रशासन के दबाव के कारण हम संस्कार करने को राजी हो गए थे। प्रशासन ने धरना कमेटी के जरिए दबाव बनाया था। इसके बाद पंचायत ने मनीषा का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। लोग आक्रोश में आ गए और गांव ढाणी लक्ष्मण के सभी रास्तों को भी अवरुद्ध कर दिया गया। गांव में जाने वाले सभी कच्चे और पक्के रास्तों पर पेड़ और पत्थर डालकर उन्हें बंद कर दिया है।
ग्रामीणों में आक्रोश
युवाओं के साथ महिलाएं भी गांव के एंट्री पॉइंट पर इकठ्ठा हो गए। ग्रामीणों द्वारा इस जघन्य अपराध की सीबीआई से जांच कराने की मांग जोर-शोर से उठाई गई। ग्रामीणों ने कहा कि पूरा गांव संजय के साथ है। किसी के दबाव में आकर कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा। पंचायत में भिवानी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए, साथ ही मनीषा के परिवार को तत्काल न्याय दिलाने की मांग की। मनीषा का शव भिवानी के अस्पताल में ही रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह बिना इंसाफ मिले मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। दूसरे जिलों से भी पुलिस फोर्स मंगाई गई है। पानीपत से 108 कर्मचारियों वाली एक पुलिस कंपनी सुबह ही भिवानी भेजी जा चुकी है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
