
जयपुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । पंचांग के अनुसार 4 जुलाई यानी शुक्रवार को भडल्या नवमी रवियोग में और 6 जुलाई रविवार को देव शयनी एकादशी पर राजयोग,रवियोग और त्रिपुष्कर योग में मांगलिक कार्य होंगे। चातुर्मास आरंभ होते ही विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार और यज्ञोपवीत संस्कार जैसे शुभ कार्यों पर चार माह रोक लग जाएगी।
पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि चार महीनों तक व्रत,पर्व और साधना की परंपरा का क्रम आरंभ होगा। चातुर्मास में राखी, जन्माष्टमी, गणेश स्थापना, पितृपक्ष, शारदीय नवरात्र, दशहरा और दीपावली जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे । 4 जुलाई को गुप्त नवरात्र की महानवमी हैं,जो मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं। 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होगा। 6 जुलाई से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। इस कारण जुलाई से अक्टूबर तक विवाह मुहूर्त नहीं हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि एक नवंबर को देव उठनी एकादशी पर अबूझ सावा रहेगा, लेकिन इसके बाद विवाह मुहूर्त 22 नवंबर से शुरू होंगे। नवंबर में 22, 23, 25 व 30 तारीख को विवाह मुहूर्त हैं।
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(Udaipur Kiran)
