
कोलकाता, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । दक्षिण बंगाल के कई जिलों में दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डिविसी) द्वारा छोड़े गए जल और लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन को सतर्क रहने और तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के जिलावार जिम्मेदारियां तय कर दी हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ी से मदद पहुंचाई जा सके।
राज्य सरकार के अनुसार, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व बर्धमान, बीरभूम और हुगली जिलों में बाढ़ की स्थिति सबसे चिंताजनक बनी हुई है। इन चार जिलों के लिए अतिरिक्त वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गई है ताकि बाढ़ नियंत्रण, राहत और पुनर्वास के प्रयासों में कोई देरी न हो।
पश्चिम मेदिनीपुर में जल भराव और जनजीवन के प्रभावित होने के मद्देनज़र राज्य सरकार ने चार वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई है। इनमें जनस्वास्थ्य एवं तकनीकी विभाग के सचिव सुरेंद्र गुप्ता, आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ विशेष सचिव प्रियंका सिंह, स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव यूनिस इस्माइल और कृषि विभाग के विशेष आयुक्त हृषिकेश मोदी शामिल हैं। यह अधिकारी स्वास्थ्य सेवा, पीने के पानी की व्यवस्था, राहत सामग्री वितरण और अन्य आधारभूत सेवाएं सुनिश्चित करने का कार्य करेंगे।
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पूर्व बर्धमान में बांध टूटने की आशंका, निगरानी बढ़ी
पूर्व बर्धमान जिले की जिम्मेदारी ग्राहक संरक्षण विभाग की सचिव नीलम मीना और लैंड रिकॉर्ड विभाग के निदेशक विभु गोयल को सौंपी गई है। नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कहीं बांध टूटने की आशंका बनी हुई है। ऐसे में अधिकारी हर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर निगरानी रखेंगे और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
बीरभूम जिले में नदियों और नालों का पानी गांवों में घुस गया है। इस जिले की जिम्मेदारी उद्योग विभाग की सचिव बंदना यादव और वित्त विभाग के सचिव देवीप्रसाद करणम को दी गई है। दोनों अधिकारी बचाव और पुनर्वास कार्यों पर विशेष ध्यान देंगे।
हुगली जिले में शिक्षा विभाग के सचिव विनोद कुमार और पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक अभिषेक कुमार तिवारी को तैनात किया गया है। इनका मुख्य कार्य प्रभावित स्कूलों और पर्यटन स्थलों में राहत और पुनर्वास की व्यवस्था करना होगा। जरूरत पड़ने पर स्कूलों को अस्थायी राहत शिविरों में बदला जाएगा।
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सचिवालय ने खोला 24 घंटे कंट्रोल रूम
राज्य सरकार ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम की स्थापना की है, जहां से सभी जिलों से रिपोर्ट लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा रही है। जनता से अपील की गई है कि यदि कहीं जल जमाव या संकट की स्थिति हो, तो स्थानीय बीडीओ कार्यालय या जिला प्रशासन की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
प्रशासनिक सूत्रों का मानना है कि अब तक की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को काफी हद तक नियंत्रण में लाया गया है। हालांकि, आगामी दिनों में यदि वर्षा और जल छोड़ेने की तीव्रता बढ़ती है, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसलिए सचिवालय किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
