
सिलीगुड़ी, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर बंगाल में भारी बाढ़ और भूस्खलन की स्थितियों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक भेदभाव को भूलकर प्रभावितों की मदद करने का संदेश दिया। ममता ने कहा कि लोकल सांसद और विधायक वहां मौजूद हैं, लेकिन किसी को भी इस आपदा के समय राजनीति में उलझने की जरूरत नहीं है। उनका साफ संदेश था, “किसी को भी कोई चोट न पहुंचे, जो भी हुआ, मैं नहीं चाहती कि कानून-व्यवस्था बाधित हो।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागराकाटा क्षेत्र का दौरा किया, जहां भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और भाजपा विधायक शंकर घोष पर हमला हुआ। इस हमले में शंकर घोष को धक्का दिया गया और उनकी गाड़ी तोड़ी गई, जबकि खगेन मुर्मू गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका नाक-मुंह रक्तरंजित हो गया। सामने आए वीडियो में वे घायल अवस्था में गाड़ी में बैठे दिखाई दे रहे हैं।
इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ममता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 30-40 गाड़ियों के साथ जाना आम लोगों के लिए दुखदायी है, क्योंकि उन्हें भोजन और आश्रय की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति करने वहां नहीं जाएंगी और इस इलाके का निरीक्षण उनके निर्देशानुसार जिलाधिकारी करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की और कहा कि आपदा के समय सभी को मिलकर संकट का सामना करना चाहिए।
ममता बनर्जी ने प्रभावितों की सुरक्षा और सहायता के लिए कदम उठाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि जिनके घर बाढ़ और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी सूची स्थानीय प्रशासन के साथ बनाकर मुख्य सचिव को भेजी जाएगी। बाढ़ का पानी उतरने के बाद सभी प्रभावितों की पूरी सहायता की जाएगी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के पास एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और अन्य एजेंसियों के साथ एग्रीमेंट है, और जरूरत पड़ने पर इनसे तुरंत सहायता ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, “लोग अगर विपदा में हैं, तो किसी को इसमें अपना कोई योगदान लेने की आवश्यकता नहीं है। सभी को मिलकर प्रभावितों की मदद करनी चाहिए।”
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
