
कोलकाता, 07 अगस्त (Udaipur Kiran) । बिहार में जारी विशेष निर्वाचक समेकित पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर छिड़े विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झाड़ग्राम की जनसभा से राज्यवासियों को सतर्क किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिना पूरी जानकारी के कोई भी फॉर्म न भरें, वरना उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बिहार के बाद अब केंद्र सरकार का अगला निशाना बंगाल है। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले ही ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से लगभग 65 लाख नाम हटा दिए गए हैं, और अब यही प्रक्रिया बंगाल में लागू की जा सकती है।
ममता बनर्जी ने जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि ना जाने फॉर्म भरिए, ना ही किसी को अपना पता दीजिए। किसी भी बहाने से आपसे जानकारी लेकर फॉर्म भरवाया जा सकता है और बाद में आपको वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ ईपिक कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) होना अब पर्याप्त नहीं है। नए नियमों के अनुसार, पहले से लिस्ट में नाम होने पर भी दोबारा नाम दर्ज कराना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा भी उठाया कि जो लोग पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनसे उनके माता-पिता का जन्म प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। उन्होंने पूछा कि इतने सारे लोग अपने मां-बाप का बर्थ सर्टिफिकेट कहां से लाएंगे? उन्होंने केंद्र पर यह आरोप भी लगाया कि इस प्रक्रिया के ज़रिए लोगों के नाम हटाकर उन्हें बांग्लादेश भेजने की साज़िश की जा रही है।
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सरकारी कर्मचारियों को समर्थन का भरोसा
वोटर लिस्ट में कथित अनियमितताओं को लेकर राज्य के चार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ हाल ही में कार्रवाई की गई थी, जिसमें दो डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। ममता बनर्जी ने इस पर नाराज़गी जताते हुए सवाल किया कि उन्हें किस कानून के तहत निलंबित किया गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों के साथ थी, है और हमेशा रहेगी।
ममता बनर्जी ने अपने भाषण में बांग्ला भाषा का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के उस बयान को आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्ला कोई भाषा नहीं है। मुख्यमंत्री ने 1912 के दस रुपये के नोट की तस्वीर भी दिखाई, जिसमें 10 टाका बांग्ला में लिखा हुआ है।
इसके साथ ही उन्होंने बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर अन्य राज्यों में हो रहे उत्पीड़न का मुद्दा भी उठाया और राज्यवासियों से इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाने का आह्वान किया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
