
कोलकाता, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए “बंगाल मीन्स बिज़नेस” के नारे को भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने “एक क्रूर मज़ाक” बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी ताज़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ये आंकड़े राज्य सरकार के दावों को नकारते हैं और ज़मीनी सच्चाई को उजागर करते हैं।
मालवीय के अनुसार, एफडीआई के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि महाराष्ट्र भारत में सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित करने वाला राज्य बना हुआ है, जिसके हिस्से में 39.16 प्रतिशत निवेश आया है। इसके बाद कर्नाटक (13.23 प्रतिशत), दिल्ली (12.18 प्रतिशत), गुजरात (11.42 प्रतिशत), तमिलनाडु (7.36 प्रतिशत), हरियाणा (6.29 प्रतिशत) और तेलंगाना (5.99 प्रतिशत) जैसे राज्य हैं। पश्चिम बंगाल का आंकड़ा इन सभी राज्यों की तुलना में बेहद निराशाजनक है, जो महज़ 0.60 प्रतिशत पर टिक गया है।
उन्होंने तंज कसा कि जब देश के अन्य राज्य वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं और तेज़ी से औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब बंगाल सिर्फ प्रचार, फोटोशूट और भव्य निवेश सम्मेलनों तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधन और कुशल जनशक्ति के बावजूद निवेशक बंगाल से दूरी बनाए हुए हैं।
अमित मालवीय ने सीधे तौर पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि बंगाल को वैश्विक निवेशकों द्वारा नज़रअंदाज़ क्यों किया जा रहा है? राज्य में वास्तविक औद्योगिक विकास कहां हो रहा है और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ आज भी एक बड़ी बाधा क्यों बना हुआ है? उन्होंने यह भी जोड़ा कि पश्चिम बंगाल को अब केवल प्रचार और दिखावे से ऊपर उठकर गंभीर आर्थिक सुधारों और दूरदर्शी नेतृत्व की ज़रूरत है, तभी राज्य की अर्थव्यवस्था में वास्तविक सुधार संभव है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
