
कोलकाता, 09 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि वे वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ हैं। उत्तरबंगाल रवाना होने से पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया दो-तीन महीने में पूरी नहीं होती, इसे पूरा होने में तीन-चार साल का समय लगता है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वोटर लिस्ट में आधार कार्ड को जोड़ा जा सकता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि आधार कार्ड अब पहचान पत्र है। जिनके पास नहीं है, वे बनवा लेंगे। वोटर ईपीआईसी कार्ड को भी पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों ने गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। तृणमूल कांग्रेस भी इस मुद्दे पर मुखर है। ममता ने दोहराया कि उनकी पार्टी एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ है।
मंगलवार को ममता बनर्जी बागडोगरा के लिए रवाना हुईं। सिलीगुड़ी में विकास परियोजनाओं को लेकर उनकी प्रशासनिक बैठक प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि बुधवार को मैं जलपाईगुड़ी जाऊंगी। वहां 11 हज़ार पत्ते (पट्टा) तैयार हैं, उन्हें बांटा जाएगा। परसों मैं कोलकाता लौट आऊंगी।
इस बीच नेपाल में चल रहे आंदोलन को लेकर भी ममता से सवाल पूछा गया। वहां युवाओं के विरोध प्रदर्शन में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफ़ा दे चुके हैं। इस पर ममता ने कहा कि नेपाल मेरा देश नहीं है, इसलिए मैं टिप्पणी नहीं कर सकती। पड़ोसी देश है, इसलिए हम उन्हें प्यार करते हैं। लेकिन भारत सरकार कुछ कहेगी तभी हम प्रतिक्रिया देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सिलीगुड़ी और कालिम्पोंग की लंबी सीमा नेपाल से लगी है, वहां शांति बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
