West Bengal

पश्चिम बंगाल के सामाजिक-आर्थिक प्रदर्शन को नीति आयोग की सराहना, ममता बनर्जी ने साझा की उपलब्धियां

ममता बनर्जी

कोलकाता, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि नीति आयोग ने पश्चिम बंगाल की सामाजिक और आर्थिक उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीट में जानकारी दी कि आयोग की हालिया रिपोर्ट में राज्य को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता जैसे कई अहम क्षेत्रों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर बताया गया है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के सतत और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताते हुए सभी नागरिकों को इस सफलता में भागीदार करार दिया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य की वार्षिक बेरोजगारी दर केवल 2.2 प्रतिशत रही, जो राष्ट्रीय औसत 3.2 प्रतिशत की तुलना में 30 प्रतिशत कम है। यह दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल ने रोजगार सृजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल की साक्षरता दर 76.3 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत 73 प्रतिशत से अधिक है। साथ ही राज्य में स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है और कक्षा 10वीं एवं 12वीं में छात्रों का पास प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है।

स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी बंगाल ने मजबूती दिखाई है। वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार राज्य में औसत जीवन प्रत्याशा 72.3 वर्ष है, जो कि देश के औसत से अधिक है। वहीं लिंगानुपात के मामले में भी बंगाल की स्थिति बेहतर है, जहां प्रति हजार पुरुषों पर 973 महिला बच्चों का जन्म होता है, जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 889 है। वर्ष 2020 में शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 19 रही और 2019-21 के बीच कुल प्रजनन दर 1.6 बच्चों प्रति महिला दर्ज की गई, जो दोनों ही आंकड़े राष्ट्रीय औसत से बेहतर हैं।

नीति आयोग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में जीवन की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है। खासकर पीने योग्य जल जैसी बुनियादी सुविधाओं तक परिवारों की पहुंच राष्ट्रीय औसत से अधिक है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि यह राज्य के मेहनतकश लोगों, अधिकारियों और योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने वालों की सामूहिक सफलता है। उन्होंने अंत में “जय बांग्ला” का नारा देते हुए राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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