
कोलकाता, 4 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार के उस आदेश पर कड़ा हमला बोला है, जिसमें पड़ोसी देशों से बिना पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों के आए अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भारत में रहने की अनुमति दी गई है। उन्होंने इस आदेश को ‘मजाक’ और ‘चुनावी हथकंडा’ बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य केवल जनता को गुमराह करना है।
विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से चुनावी चाल है, लेकिन इस बार यह सफल नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे फैसलों के जरिए चुनाव से पहले मतदाताओं को बांटने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि इस नियम पर संसद में कोई चर्चा क्यों नहीं हुई। उनके मुताबिक, इतने संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा अकेले कैसे फैसला ले सकती है।
ममता बनर्जी ने केन्द्र से यह भी पूछा कि जिन लोगों को बिना दस्तावेजों के रहने की अनुमति दी जा रही है, क्या उन्हें वोट देने का अधिकार भी मिलेगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को आधार कार्ड और राशन कार्ड भी जारी किए जाएंगे।
केन्द्र सरकार ने हाल ही में आदेश जारी किया है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग, जो 31 दिसम्बर, 2024 तक भारत पहुंचे हैं, वे बिना पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के यहां रह सकेंगे।
पिछले साल लागू हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत 31 दिसम्बर, 2014 या उससे पहले भारत आए इन अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन नये आदेश के तहत 2014 के बाद आने वाले लोग भी फिलहाल निर्वासन से बच जाएंगे। इस फैसले से खास तौर पर पाकिस्तान से आने वाले हिंदू समुदाय के बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलने की संभावना है।————————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
