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बंगाल में एसआईआर अभियान को ममता बनर्जी ने बताया ‘असमय और अव्यावहारिक’

ममता

कोलकाता, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) अभियान की तीखी आलोचना करते हुए इसे ‘असमय और अव्यावहारिक’ बताया। उन्होंने कहा कि जब राज्य प्राकृतिक आपदाओं, बरसात और लगातार चल रहे त्योहारों से जूझ रहा है, तब मतदाता सूची के पुनरीक्षण का यह अभ्यास जनसामान्य के लिए भारी असुविधा पैदा करेगा।

मुख्यमंत्री ने यह प्रतिक्रिया उत्तर बंगाल के भूस्खलन प्रभावित इलाकों के दौरे से लौटने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा, “इस समय राज्य में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं हैं, त्योहारों का महीना चल रहा है, ऐसे में सिर्फ 15 दिनों में एसआईआर पूरा करने की उम्मीद करना अनुचित है।”

उधर, उप निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश भारती के नेतृत्व में ईसीआई का दल मंगलवार रात को कोलकाता पहुंचा और बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय में राज्य की तैयारियों की समीक्षा की। आयोग ने सभी जिलों को 15 अक्टूबर तक सभी तैयारी कार्य पूरे करने का निर्देश दिया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि “यह वही बिहार मॉडल है, जिसके बाद अब बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता तक कह रहे हैं कि इस प्रक्रिया में लाखों नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। उन्होंने तीखे लहजे में सवाल उठाया, “क्या चुनाव आयोग भाजपा का है? आयोग नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए है या सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए?”

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में छठ पर्व के दौरान हवाई किराया घटाया गया, जबकि सिलीगुड़ी से कोलकाता लौट रहे आपदा पीड़ितों को दुगने से भी अधिक किराए का भुगतान करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, बागडोगरा से कोलकाता की उड़ान का किराया 18 हजार रुपये प्रति यात्री और दिल्ली मार्ग से आने पर 42 हजार रुपये तक वसूला जा रहा है। यह किस प्रकार का न्याय है?

ममता बनर्जी ने भाजपा पर चुनावी राजनीति खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि “भाजपा के शासन में देश विनाश की ओर बढ़ रहा है।” उन्होंने दावा किया कि केंद्र में हर काम गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हो रहा है।

उन्होंने कहा, मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री को शायद इसका पता है, पर अमित शाह पर अंधा भरोसा करना देश के लिए खतरनाक होगा। हम प्रधानमंत्री से निवेदन करते हैं कि वह अमित शाह पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, वरना वही अगला मीर जाफर साबित होंगे, क्योंकि सुबह का संकेत दिन बता देता है।————————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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