जम्मू , 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसी एंड एच) में एक मरीज़ के रिश्तेदार द्वारा दो महिला डॉक्टरों पर कथित हमले के विरोध में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है। इस कारण अस्पताल में भर्ती मरीज़ों की देखभाल बुरी तरह प्रभावित हुई है।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बाह्य रोगी देखभाल, आंतरिक रोगी उपचार और वैकल्पिक सर्जरी जैसी प्रमुख सेवाएं ठप हो गई हैं। आपातकालीन सेवाओं का प्रबंधन वरिष्ठ डॉक्टरों मुश्किल से कर रहे हैं। गुस्से और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए हड़ताली कर्मचारियों ने इमरजेंसी वार्ड के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपित अटेंडेंट की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए डॉक्टरों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
हड़ताल जारी रहने से सैकड़ों मरीज़ों और उनके परिवारों को बढ़ती असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नियमित ऑपरेशन अस्त-व्यस्त हो गए हैं और अंतिम अपडेट तक किसी की गिरफ्तारी या बातचीत में कोई प्रगति की सूचना नहीं मिलने के कारण गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने का खतरा है। इस स्थिति ने चिकित्सा पेशेवरों के लिए कार्यस्थल सुरक्षा और सरकारी अस्पतालों में कड़े सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता पर बहस को फिर से छेड़ दिया है।
जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल और डीन डॉ. आशुतोष गुप्ता ने आश्वासन दिया कि प्रशासन संकट को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ डॉक्टर अस्पताल के संचालन का प्रबंधन कर रहे हैं। हम आपातकालीन मामलों को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी गंभीर रूप से बीमार मरीज़ पीड़ित न हो।
इस बीच स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. सैयद आबिद राशिद शाह ने बुधवार देर रात आंदोलनकारी डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने उनसे जन स्वास्थ्य के हित में काम पर लौटने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांक,ि डॉक्टर अड़े रहे कि जब तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक कोई बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी।
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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
