Uttar Pradesh

शरीर स्वस्थ रखने के लिये खेलकूद व योगासान की प्रमुख भूमिकाः सत्येंद्र सिंह

सम्बोधित करते यूपी बोर्ड अपर सचिव

-खिलाड़ी के लिए शारीरिक स्वस्थता के साथ नैतिकतावान होना आवश्यक : हेमचन्द्र-36वीं अखिल भारतीय बॉस्केटबाल एवं जिम्नास्टिक प्रतियोगिता का हुआ उद्घाटनप्रयागराज, 14 नवम्बर (Udaipur Kiran) । विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित चार दिवसीय 36वीं खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन शुक्रवार को ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स में रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ। इस प्रतियोगिता में विद्या भारती के अंतर्गत पूरे देश भर से (9 क्षेत्रों-राजस्थान, दक्षिण मध्य, पूर्वी उप्र, पश्चिम उप्र, उत्तर क्षेत्र, दक्षिण क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं बिहार) से लगभग 400 भैया-बहन एवं उनके संरक्षक आचार्य आचार्या एवं निर्णायक मण्डल के अधिकारीगण उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव सत्येन्द्र सिंह ने खेल प्रतियोगिता को मानव जीवन से सम्बन्ध बताते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेलकूद एवं योगासान की प्रमुख भूमिका होती है। इसी क्रम में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान विगत वर्षो से कार्य कर रहा है, जिसमें विद्या भारती के भैया एवं बहन देश-विदेशो में अपने प्रतिभा को बिखेर रहे हैं।विद्या भारती काशी प्रान्त के प्रान्त प्रचार प्रमुख विक्रम बहादुर सिंह ने बताया कि उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सत्येन्द्र सिंह, अध्यक्ष के रुप में निषादराज वंशज डॉ0 बी के कश्यप, विशेष उपस्थिति रज्जू भैया शिक्षा प्रसार समिति के मंत्री शरद गुप्त एवं विद्यालय के प्रबन्धक डॉ. आनन्द कुमार श्रीवास्तव तथा इस खेलकूद प्रतियोगिता के पर्यवेक्षक ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित व पुष्पार्चन कर किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने अतिथियाें का परिचय कराया तथा स्मृति चिन्ह एवं वस्त्रादि प्रदान करते हुए उनका स्वागत अभिनन्दन किया।

विद्या भारती पूर्वी उप्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचन्द्र ने कहा कि खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए केवल भौतिक प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है। उन्होने कहा कि एक संस्कारयुक्त माहौल यह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ी बचपन से ही अनुशासन, खेल भावना, ईमानदारी और राष्ट्र के प्रति समर्पण जैसे आवश्यक मानवीय मूल्यों को आत्मसात करें। ये मूल्य उन्हें दबाव में भी सही निर्णय लेने और हार-जीत को गरिमा के साथ स्वीकार करने की शक्ति देते हैं। जब खिलाड़ी नैतिक और शारीरिक रूप से मजबूत नींव पर खड़े होते हैं, तो वे खेल की विविध विधाओं में न केवल राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रभावी प्रदर्शन कर पाते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी लगातार सफलता हासिल करने में सक्षम होते हैं।अपने अध्यक्षीय आशीर्वचन में डाॅ. बी के कश्यप ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती शिक्षण संस्थान आज पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में खेल के क्षेत्र में भी विद्या भारती के छात्र-छात्राएं जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विधाओं में पदक प्राप्त करके न केवल अपने संस्थान का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं। साथ ही आये हुए खिलाड़ियों को अग्रिम शुभकामनाएं दीं। अन्त में विद्यालय के प्रबन्धक डॉ. आनन्द कुमार श्रीवस्तव ने सभी लोगो के प्रति आभार ज्ञापित किया।कार्यक्रम में खिलाड़ी भैया बहनों सम्पूर्ण प्रतियोगिता में शान्ति एवं सौहार्द बनाये रखने की शपथ दिलाई गई। संचालन मीनाक्षी, अंशिका एवं अनन्या सिंह ने किया। कार्यक्रम में शेषधर द्विवेदी, जगदीश सिंह, सुमन्त पाण्डेय, च्यवन भार्गव एवं विभिन्न क्षेत्रों के शारीरिक प्रमुख, संरक्षक आचार्य-आचार्या, निर्णायक मण्डल, विद्या भारती से सम्बद्ध महानगर के विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, भैया बहन तथा अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र