Uttar Pradesh

मैदागिन चौराहा और कालभैरव मार्ग का होगा कायाकल्प,गूंजेंगी ‘ॐ’ ध्वनि

कालभैरव मार्ग का निरीक्षण करते वीडीए उपाध्यक्ष

यातायात प्रणाली के सरलीकरण के साथ सुंदरीकरण का काम प्रारंभ

वाराणसी,30 जून (Udaipur Kiran) । धर्म नगरी काशी के सबसे व्यस्ततम मैदागिन चौराहा सहित काल भैरव मार्ग के कायाकल्प की तैयारी में वीडीए जुट गया हैं । यहां सुंदरीकरण परियोजना का सोमवार को वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यातायात प्रबंधन, हरियाली व सांस्कृतिक सौंदर्यीकरण को लेकर विशेष दिशा निर्देश दिया।

वाराणसी शहर के प्रमुख चौराहों और धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित व सौंदर्यपूर्ण स्वरूप देने की दिशा में हो रहे कार्यों की समीक्षा के वीडीए उपाध्यक्ष ने सभी बिंदुओं को परखा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों व अभियंताओं को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता युक्त कार्य पूर्ण करने, सौंदर्यीकरण में काशी की सांस्कृतिक पहचान उभारने और पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।

अफसरों के अनुसार मैदागिन चौराहा, जो शहर के व्यस्ततम ट्रैफिक स्थलों में से एक है, वहां यातायात प्रणाली के सरलीकरण के साथ सुंदरीकरण का काम प्रारंभ हो गया है। चौराहे को आधुनिक डिज़ाइन के अनुरूप विकसित किया जा रहा है, जिसमें हरे-भरे पौधे, आकर्षक पाथवे, लोहे की नक्काशीदार रेलिंग, और सांस्कृतिक प्रतीकों का समावेश किया जाएगा। हर कोने से काशी की परंपरा झलके, इसके लिए स्थानीय स्थापत्य व कला को प्राथमिकता दी जा रही है। सुंदरीकरण परियोजना का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा काल भैरव मंदिर मार्ग है। इस गली में भित्ति चित्रों और धार्मिक पेंटिंग्स से दीवारों को सजाया जा रहा है। साथ ही मंदिर गेट और गली के भीतर ध्वनि प्रणाली लगाएं जाना प्रस्तावित है, जिनसे निरंतर ‘ॐ’ की ध्वनि प्रसारित होगी। जिससे आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक विशिष्ट आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव मिलेगा।

उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के अनुसार काशी की आत्मा उसके इतिहास, धर्म और संस्कृति में है। सुंदरीकरण में यह ध्यान रखा जाए कि कोई भी कार्य इसकी मूल पहचान को क्षति न पहुँचाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी कार्य स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों से संवाद कर पारदर्शिता से पूरे किए जाएं। इस परियोजना के पूर्ण होने पर न केवल यातायात व्यवस्था सुलभ होगी, बल्कि काशी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक सुव्यवस्थित, सुंदर और आध्यात्मिक परिवेश का अनुभव प्राप्त होगा।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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