

खरगोन, 1 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारत रत्न से सम्मानित महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपनी बेटी सारा तेंदुलकर और परिवार के साथ सोमवार को मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी महेश्वर में महेश्वरी साड़ियों के बुनकरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने साड़ियों की बुनाई प्रक्रिया को समझा और इस पारंपरिक कला के महत्व पर चर्चा की। तेंदुलकर ने महेश्वर में महेश्वरी साड़ियों की बुनाई प्रोसेस को नजदीक से देखा। उन्होंने इस पारंपरिक कला के महत्व को समझा और इसकी तकनीक को सराहा और बुनकरों से साड़ियों की बनावट और उनके इतिहास पर विस्तार से बातचीत की।
सचिन तेंदुलकर रविवार को 19 सदस्यों के साथ दो दिवसीय प्रवास पर महेश्वर पहुंचे थे और उन्हें देखने के लिए काफी फैंस औ लोग इकट्ठा थे। उन्हें देखते ही क्रिकेट प्रेमियों ने ‘आला रे आला सचिन आला’ और ‘भारत का रत्न कैसा हो, सचिन जैसा हो’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। प्रशंसक उनके साथ एक तस्वीर खिंचवाने और सेल्फी लेने के लिए बेताब दिखे। सचिन ने भी सहजता दिखाते हुए कुछ देर तक लोगों के साथ फोटो खिंचवाई। उन्होंने यहां देवी अहिल्या बाई की राजगद्दी और मंदिरों के दर्शन किए। वे नर्मदा नदी के दर्शन करने भी पहुंचे। इसके बाद परिवार के साथ नौका विहार भी किया।
उन्होंने यहां अहिल्या फोर्ट स्थित हेरिटेज होटल में रात्रि विश्राम किया और सोमवार को महेश्वर के प्राचीन किला, घाट और लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की समृद्ध विरासत को नजदीक से देखा। इसके बाद तेन्दुलकर बुनकरों के बीच पहुंचे। उन्होंने यहां महेश्वर की सांस्कृतिक और हेंडीक्राफ्ट हेरिटेज को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने इस क्षेत्र की रिच आर्ट और संस्कृति को नेशनल लेवल पर पहचान दिलाने की जरूरत पर जोड़ दिया। सचिन ने स्कूली बच्चों से मुलाकात की और उनसे शैक्षणिक जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ शिक्षा के महत्व पर चर्चा की।
(Udaipur Kiran) तोमर
