Bihar

महात्मा गांधी और शास्त्री जयंती समारोह आयोजित

संबोधित करते अतिथि

भागलपुर, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर द्वारा गुरुवार को महात्मा गांधी और शास्त्री जयंती समारोह सह विश्व अहिंसा दिवस का आयोजन प्रकाश चंद्र गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया।

इस अवसर पर सर्व धर्म प्रार्थना, पुष्पांजलि और गांधी जी के विचारों पर विस्तार से चर्चा किया गया। कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार और धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष मोहम्मद ऐनुल होदा द्वारा किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ फारूक अली पूर्व कुलपति जे पी विश्वविद्यालय छपरा और मुख्य वक्ता डॉ मनोज कुमार पूर्व कुलपति अंतर्राष्ट्रीय गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा थे।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि गांधी आधुनिक इतिहास के उन महानतम व्यक्तियों में से एक थे, जिनके विचार सर्वकालिक मान्य रहेंगे। सत्य, अहिंसा, प्रेम सद्भाव, भाईचारा और परोपकार का विचार मानवता का विचार है। यह जब तक जीवंत है, गांधी इन विचारों के साथ सर्वकालिक स्मरणीय रहेंगे। आज हम गांधी के जन्मदिन पर उन्हें याद कर रहे हैं, उन्हें केवल हम याद नहीं कर रहे हैं, संपूर्ण विश्व याद कर रहा है। उन्होंने एक ऐसे विचार दिए जिसको सारी दुनिया अंगीकार कर रही है। इसलिए उनके जन्मदिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में संपूर्ण विश्व में मनाया जा रहा है। यही सत्य और अहिंसा का विचार ही संपूर्ण विश्व को अक्षुण्ण रख सकता है। मुख्य वक्ता डॉक्टर मनोज कुमार ने कहा कि गांधी जी को भागलपुर के लोगों को आज विशेष रूप से याद करना चाहिए क्योंकि वे आज से 100 वर्ष पूर्व 1925 में एक और दो अक्टूबर को तीसरी बार भागलपुर आए थे। वे यहां से बांका, देवघर, मधुपुर होते हुए अन्य जगहों के लिए गए थे। यहां सभा हुई थी। इसलिए हम उन्हें याद करते हुए उनके विचारों को अत्यधिक फैलाएं। डॉक्टर फारूक अली ने कहा कि एक ओर गांधी ने सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो दूसरी ओर शास्त्री जी ने जय जवान और जय किसान का नारा देकर दुनिया में किसानों और जवानों के प्रति जो सम्मान और अधिकार का भाव पैदा किया। वह अनुकरणीय है। जिसके बल पर आज भारत अन्न के मामले में न केवल आत्मनिर्भर हुआ है, बल्कि दुनिया को निर्यात भी करने लगा है।

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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर

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