मुंबई, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । महाराष्ट्र सरकार पर मुख्यमंत्री
देवेंद्र फडणवीस के एक करीबी मित्र बिल्डर को मुंबई मनपा का 800 करोड़ रुपये का एक
भूखंड देने का आरोप लगा है। कांग्रेस पार्टी की सांसद वर्षा गायकवाड ने यह आरोप
लगाया है। उन्होंने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
करने की मांग की है।
मुंबई प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को
संभोधित करते हुए वर्षा गायकवाड ने बताया कि जूहू गली में स्थित यह जमीन बीएमसी
आयुक्त भूषण गगरानी ने केवल चार दिनों में सभी अनुमतियां देकर बिल्डर को सौप
दी। राज्य सरकार ने सारे नियम-कानून ताक पर रखकर अपने प्रिय बिल्डर को मनपा का
प्लॉट दिया गया है। जबकि देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष में रहते हुए एसआरए के लिए इस
प्लॉट को किसी निजी डेवलपर को देने का विरोध किया था।
वर्षा गायकवाड के अनुसार जुहू गली में स्थित 48,407 वर्ग फुट का यह
प्लॉट मनपा कर्मचारियों के आवास के लिए आरक्षित है। मुंबई मनपा ने इसकी कीमत 800 करोड़ रुपये
आंकी है। महादेव रियल्टर्स जुहू प्राइवेट लिमिटेड, जो कि एस्पेक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड
कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 100% स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह रियल एस्टेट समूह भाजपा
नेता और बिल्डर से जुड़ा हुआ है। साल1950 में मनपा ने यहां सफाई कर्मचारियों के लिए एक कॉलोनी
बनाई थी। अप्रैल 2025 तक यह कॉलोनी
यहीं थी। 3 जुलाई 2025 को नगर विकास विभाग ने
एक अधिसूचना जारी कर डीसी नियमों में बदलाव का सुझाव दिया, जिसके तहत अब निजी
बिल्डरों को सार्वजनिक व बीएमसी के स्वामित्व वाली विशिष्ट सुविधाओं के लिए
आरक्षित या नामित भूखंडों पर भी एसआरए परियोजनाएं लागू करने की अनुमति मिल गई है।
इस बदलाव ने महादेव रियल्टर्स के लिए जुहू स्थित इस भूखंड का व्यावसायिक उपयोग
करने का रास्ता साफ कर दिया है।
वर्षा ने आगे बताया कि 8 अप्रैल 2025 को महादेव रियल्टर्स ने मनपा भूषण गगरानी को पत्र लिखकर
एसआरए के सीईओ को 4 मार्च, 2009 को दी गई एनओसी
को बहाल करने की मांग की थी। यह एनओसी बीएमसी प्लॉट को ‘झुग्गी बस्ती’ घोषित करने और
दर्शन डेवलपर्स को एसआरए योजना के तहत आस पास के प्लॉट विकसित करने की अनुमति देने
के लिए थी। इस आवेदन परअगले ही दिन 9 अप्रैल कोआयुक्त गगरानी ने टिप्पणी की कृपया इसे सत्यापित कराएं
और आदेश के लिए प्रस्तुत करें।
वर्षा के अनुसार दस्तावेजों से पता चलता है कि 28 अप्रैल, 2025 और 6 मई 2025 को बिल्डर के
प्रतिनिधियों ने मनपा उपायुक्त (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) डॉ. किरण दिघावकर से मुलाकात
की और महादेव रियल्टर्स के प्रस्ताव को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया। दिघावकर
के कार्यालय ने 9 जून 2025 को इस संबंध में
एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया और आयुक्त गगरानी के कार्यालय ने 13 जून 2025 को इसे मंजूरी
दे दी।
—————
(Udaipur Kiran) / वी कुमार
