
उदयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है। जब तक विद्यार्थियों को संस्कार, नैतिकता और मूल्यों से युक्त शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक देश के जिम्मेदार नागरिक तैयार नहीं होंगे। महाराणा प्रताप की यह धरती हमें ऊर्जा देती है और यही से निकलने वाला मंथन का अमृत पूरे प्रदेश की शिक्षा को नई दिशा देगा। यह बात शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कुंभलगढ़ में आयोजित राज्य स्तरीय चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
कुंभलगढ़ स्थित ‘द कुंभा रेजीडेंसी’ में 22 अगस्त से शिक्षा विभाग की ओर से दो दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत हुई। इस अभिनव पहल में देश-प्रदेश के जाने-माने शिक्षाविद्, शिक्षा अधिकारी, विषय विशेषज्ञ, चिंतक और विचारक जुटे हैं।
दिलावर ने कहा कि शिक्षा विभाग निरंतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर आवश्यकतानुसार उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर अब विभाग प्रत्येक नए भवन पर निर्माण की तिथि के साथ ‘एक्सपायरी डेट’ भी अंकित करवाएगा।
निदेशक, माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा सीताराम जाट ने कहा कि विभाग की ओर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। वृक्षारोपण अभियान और सूर्य नमस्कार जैसे कार्यक्रमों में अपेक्षाकृत अधिक सफलता मिली है। साथ ही एआई आधारित असेस्मेंट, आईसीटी लैब, विद्यार्थी समीक्षा केंद्र और पेपरलेस प्रवेशोत्सव जैसे नवाचारों ने भी सकारात्मक परिणाम दिए हैं।
मिड-डे-मील आयुक्त विश्वमोहन शर्मा ने पीएम पोषण योजना के तहत किए गए नवाचारों का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘श्रीकृष्ण भोग’ और ‘अतिथि माता’ जैसे प्रयोग सराहे गए हैं। इसमें किसी शुभ अवसर पर विद्यालयों में विद्यार्थियों को पौष्टिक व स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं।
इस मौके पर आरएससीईआरटी की निदेशक श्वेता फगड़िया, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक (समसा) सुरेश बुनकर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. कैलाश सोढाणी, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर राजीव सक्सेना, शिक्षा विद संदीप जोशी, महेश आमेटा, रेजोनेंस कोटा के निदेशक आर. के. वर्मा तथा एनसीईआरटी नई दिल्ली के विभागाध्यक्ष शरद सिन्हा सहित कई विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
संयुक्त शासन सचिव मनीष गोयल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव कैलाश शर्मा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष नारायणलाल गुप्ता, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ समेत कई शिक्षाविद् और अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
चिंतन शिविर का दूसरा दिन शिक्षा क्षेत्र में भावी रणनीति तय करने और नई दिशा प्रदान करने पर केंद्रित रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
