गोरखपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के विजन को साकार करने की दिशा में योगी सरकार के विजन को साकार करने की दिशा में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने भी विशेष पहल की है। शिक्षा परिषद की तरफ से ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ पर एक कार्यशाला का आयोजन 21 सितंबर को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में नियत किया गया है। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे जबकि विशेष सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू मौजूद रहेंगे।
एमजीयूजी के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में होने वाली ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विषयक कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह करेंगे। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उद्घाटन सत्र के बाद डेढ़ घंटे के विशेष सत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं के संस्थाध्यक्ष, शिक्षक, सूचीबद्ध प्रतिनिधि विद्यार्थियों के साथ ही महानगर के प्रबुद्धजन, शिक्षक, चिकित्सक, अधिवक्ता, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, उद्योगपति आदि सम्मिलित होंगे। यह कार्यशाला प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लक्ष्यों को हासिल करने का व्यावहारिक वैचारिक मंथन है।
एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह का कहना है कि विकसित यूपी-2047 के विजन को साकार करने के लिए हर व्यक्ति, हर संस्था को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन इसी जिम्मेदारी का संवेदनशील एहसास है। बकौल कुलपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नई सोच, नई ऊर्जा और नए संकल्पों के साथ एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट मानना है कि प्रदेश की इस विकास यात्रा में हर नागरिक सहभागी है। उनके साथ किसान केवल अन्नदाता नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के अग्रदूत हैं। युवा मात्र विद्यार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन के वाहक हैं। मातृशक्ति गृहलक्ष्मी के साथ ही समाज की रीढ़ हैं। और, उत्तर प्रदेश केवल एक राज्य ही नहीं अपितु प्रतिभा, परंपरा और प्रगति की प्रयोगशाला है। मुख्यमंत्री जी के ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का लक्ष्य प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं बनाना है बल्कि 25 करोड़ प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं को साकार स्वरूप प्रदान करना है।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
