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महानाट्य ‘चाणक्य’ वर्तमान विचारों के अद्भुत संगम का साक्षी है: मनोज जोशी

महानाट्य 'चाणक्य' वर्तमान विचारों के अद्भुत संगम का साक्षी है: मनोज जोशी

दिल्ली, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अभिनेता मनोज नवनीत जोशी ने सोमवार को कहा कि महानाट्य ‘चाणक्य’ इतिहास और वर्तमान विचारों के अद्भुत संगम का साक्षी है।

जोशी ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य अकादमी (एनएसडी) में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बात कही। इसी दौरान नाटक का प्रोमो दिखाया गया। इस नाटक का मूल आधार विशाखा दत्त के ‘मुद्राराक्षस’ नाटक पर आधारित है। इसमें 12 कलाकार अलग-अलग प्रकार से अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नाटक सिंदूर ऑपरेशन को सफल बनाने वाले सभी सैनिकों को समर्पित है।

एक सवाल के जबाव में जोशी ने चाणक्य की नीति और वर्तमान राजनीति की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, बिहार विद्वानों और राष्ट्र-निर्माताओं की भूमि रही है। हर नेता को चाणक्य की यह बात याद रखनी चाहिए कि सत्ता की कुर्सी स्वयं के सुख के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र के निर्माण में सर्वस्व समर्पित करने के लिए होती है और यही चाणक्य ने अपने जीवन से सिद्ध किया था।

फिल्म निर्माण को लेकर पूछे गए प्रश्न पर जोशी ने कहा कि फिल्म बनाना एक महंगा उपक्रम है, लेकिन यदि भविष्य में ‘चाणक्य’ पर कोई फिल्म बनती है तो उसका हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात होगी। उन्होंने लोगों से कहा कि चाणक्य की नीति, बुद्धि और निर्णय पर आधारित नाटक देखकर स्वयं को ऊर्जावान करें।

अभिनेता ने कहा कि अब तक देश और विदेश में इस नाटक की 1739 से अधिक सफल प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। ‘चाणक्य’ नाटक 1 और 2 नवंबर को अपराह्न 3 बजे और शाम 7 बजे एनएसडी में प्रस्तुति किया जायेगा।

(Udaipur Kiran) /श्रद्धा

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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