Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश को बनाएंगे देश की डेयरी केपिटल : मुख्यमंत्री

गौशाला सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गौमाता का पूजन और गौ पालकों का सम्मान किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गौ-शालाओं के लिए आर्थिक अनुदान राशि अंतरित की

– गौशालाओं को 90 करोड़ की अनुदान राशि की अंतरित

– मुख्यमंत्री निवास पर हुआ राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन

भोपाल, 20 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग का नाम पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग होगा। यह कहना है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का। वे शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में प्रदेश भर से आए गौ-पालकों और गौ-शाला संचालकों ने उत्साह से भागीदारी की। मुख्यमंत्री ने गौ-शालाओं को 90 करोड़ रुपए की अनुदान राशि अंतरित सिंगल क्लिक से की। इस अवसर पर भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण स्वीकृति आदेश भी दिए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की दुग्ध राजधानी बनाना है, राज्य शासन द्वारा इसके लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। पूरा प्रदेश वनों से आच्छादित है। वर्ष 2002-03 तक पशुपालन विभाग का बजट सिर्फ 300 करोड़ था, जो बढ़कर अब 2600 करोड़ हो गया है। किसी समय प्रदेश में फैट मात्रा के अनुसार दूध खरीदने की व्यवस्था लागू की गई थी। राज्य सरकार ने अमृत समान गौ-माता का दूध खरीदने का निर्णय लिया है, ताकि गौ-पालकों तक लाभ पहुंचे। गाय का दूध सम्पूर्ण आहार है। राज्य में हाईटेक गौशालाएं संचालित हो रही हैं। राज्य सरकार ने गौशाला संचालन के लिए अनुदान राशि 20 से बढ़कर 40 रुपए प्रति गाय प्रतिदिन की गई है।

राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से अनुबंध किया है। प्रदेश का दूध उत्पादन पांच गुना करने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है और इसमें से लगभग आधा घरेलू उपयोग और शेष मार्केट तक पहुंचता है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर प्रदेश में दुग्ध से समृद्धि के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं। दुग्ध उत्पादन और संकलन के कार्य को व्यवस्थित बनाने के लिए समितियों की संख्या भी 9 हजार से बढ़कर 26 हजार करने का संकल्प है।

पशुपालन विभाग का नाम बदल कर अब इसे पशुपालन के साथ गोपालन विभाग भी कहा जाएगा। गौ- माता को सम्मान देते हुए इस विभाग के माध्यम से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाएंगी। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में गाय के पालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। गाय के गोबर से किसान खाद बनाएं, सरकार प्राकृतिक खाद से उत्पादित अनाज का ज्यादा भाव देगी। वर्तमान में इंदौर, देवास, रीवा एवं कुछ अन्य जिलों में गौ-शालाओं के माध्यम से सीएनजी गैस का उत्पादन किया जा रहा है। किसानों को रसायन मुक्त प्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध हो रही है। बड़ी गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार 125 एकड़ जमीन प्रदान करेगी।

उन्हाेंने कहा, वर्तमान बजट में इसके लिए प्रावधान भी किया गया है। अगले तीन साल में गौ-पालन के क्षेत्र में प्रदेश का परिदृश्य बदलेंगे। आज सात गौ-शालाएं पुरस्कृत हुई हैं और गौ सेवी भी सम्मानित हुए हैं। यह भोपाल, दमोह, अनूपपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, हरदा और विदिशा जिलों के हैं। कार्यक्रम में 73 गौशालाओं को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर ब्लॉक में वृंदावन ग्राम बनाए जाएंगे। बच्चों को गाय का दूध मिलेगा तो उन्हें कुपोषण से मुक्ति मिलेगी। वहीं, गौशाला संचालकों को अनुदान राशि का अंतरण किया एवं गौसेवा और गौशाला संचालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं को वर्ष 2023- 24 के लिए आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान पुरस्कार प्रदान किए।

मध्य प्रदेश में बनेगी स्वाबलम्बी गौशालाएं : पशुपालन राज्य मंत्री

कार्यक्रम में पशुपालन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में निरंतर गौ संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 9 अप्रैल, 2024 से 29 मार्च, 2025 तक गौ संरक्षण वर्ष मनाया गया। इसके अंतर्गत प्रदेश भर में गौ संरक्षण एवं गौ सेवा के कार्य किए गए। प्रदेश में 30 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां 5000 से 25000 तक गोवंश क्षमता वाली स्बावलंबी गौशाला बनाई जाएंगी। ये गौशालाएं हाईटेक होंगी, जहां गायों की देखभाल के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं सहित जैविक खाद, सीएनजी गैस उत्पादन आदि के साथ सौर ऊर्जा से बिजली भी बनाई जाएगी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि गौपालन और गौसेवा मुख्यमंत्री के जीवन का हिस्सा है। उन्होंने प्रदेश को पशुपालन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। यह प्रदेश में इस क्षेत्र का ऐतिहासिक सम्मेलन है। राज्य सरकार ने नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के साथ समझौता किया है। कामधेनु योजना से किसानों को गौपालन और डेयरी शुरू करने का अवसर मिलेगा। गौपालन से कृषि क्षेत्र ही नहीं सम्पूर्ण आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

खेल एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि गौ-माता की सेवा से पुण्य कार्य कोई नहीं हो सकता है। गौ-माता की सेवा से वैतरणी पार हो जाती है। प्रदेश की समृद्धि के लिए गौ-पालन और गौ-सेवा पर ध्यान देना होगा। गौसेवकों को सिंगल क्लिक से अनुदान राशि भेजने का निर्णय प्रशंसनीय है।

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राज्य स्तरीय गौ-शाला सम्मेलन में विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं प्रदेशभर से आए गौ-पालक उपस्थित थे।——————————

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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