Madhya Pradesh

मप्रः पीएमएवाय-जी के तहत ग्रामीण हितग्राहियों को मिलेगी परंपरागत निर्माण की सौगात

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप 2025 का समापन

– इंटर्नशिप में 6000 से अधिक पारंपरिक घरों, सामग्री और तकनीकों का किया अध्ययन

भोपाल, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के गांवों के पारंपरिक घरों और निर्माण तकनीकों को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप 2025 का समापन गुरुवार को स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल में हुआ। दो माह तक चले इस अनूठे सर्वे में 418 प्रशिक्षुओं ने प्रदेश के 55 जिलों और 224 ब्लॉकों में 6000 से अधिक तरीकों के ग्रामीण आवासों की स्टेडी की। जिसमें स्थानीय डिज़ाइन, सामग्री और तकनीक का संकलन किया गया। इस अध्ययन से ग्रामीण परिवेश के हितग्राहियों को उन्हीं के परंपरागत आवास उपलब्ध कराने की पहल को बल मिलेगा। इससे ग्रामीणों को कम खर्च, सस्टेनेबल और उन्हीं के परिवेश जैसे घर जिल सकेंगे।

इंटर्नशिप के समापन समारोह और पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण मिशन निदेशक दिनेश जैन और एसपीए भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. कैलाश राव ने किया। मुख्य अतिथि जैन ने योजना के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों और इस अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. राव ने कहा कि ग्रामीण जीवनशैली, संस्कृति, कारीगरी और निर्माण तकनीक से सीखने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रशिक्षु परिसर में उपस्थित रहे और लगभग 100 प्रशिक्षु ऑनलाइन जुड़े। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन पर्यावरण नियोजन विभागाध्यक्ष डॉ. क्षमा पुणतांबेकर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

विविध भू-जलवायु और सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों के अनुरूप जलवायु अनुकूल और आपदा-प्रतिरोधी ग्रामीण आवास विकसित करने के लिए, राज्य के 146 सहयोगी संस्थानों से आए प्रशिक्षुओं ने स्थानीय आवासीय समाधान, निर्माण सामग्री और पारंपरिक तकनीकों का व्यापक सर्वे किया। इंटर्नशिप 3 जून 2025 को विकास भवन, भोपाल में आयोजित अभिविन्यास कार्यक्रम से शुरू हुई। इस दौरान एसपीए भोपाल के 20 संकाय सदस्यों और शोध सहयोगियों ने प्रशिक्षुओं को सतत मार्गदर्शन प्रदान किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत एसपीए भोपाल को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मिशन निदेशालय के पीएमयू के अनुसंधान सलाहकार विंग के रूप में नामित किया गया है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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