Madhya Pradesh

मप्रः पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर के ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा, बुलानी पड़ी नोट गिनने की मशीनें

पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर के ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा

भोपाल, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गुरुवार सुबह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व चीफ इंजीनियर गोविंद प्रसाद मेहरा के आवास समेत चार ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की। देर शाम तक चली इस कार्रवाई के दौरान टीम को लाखों रुपये की नगदी, करोड़ों रुपये कीमती सोना-चांदी के गहने और अन्य कीमती सामान के दस्तावेज मिले हैं। भारी मात्रा में नकदी मिलने के कारण नोट गिनने की मशीनें बुलानी पड़ीं।

जानकारी के मुताबिक, लोकायुक्त की टीम गुरुवार सुबह 6 बजे पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर जीपी मेहरा के मणिपुरम स्थित आवास पर पहुंची और जांच शुरू की। इसके अलावा तीन अलग-अलग टीमों ने बावड़िया कला स्थित बंगला, गोविंदपुरा स्थित के.टी. इंडस्ट्रीज फैक्ट्री और नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर तहसील के ग्राम सैनी में फार्महाउस पर दबिश दी। जेपी मेहरा पर अपने कार्यकाल के दौरान विभागीय ठेकों और निर्माण कार्यों में गड़बड़ियों के आरोप हैं। लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई मेहरा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर की है।

कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त की टीम को मणिपुरम कॉलोनी के निवास से लगभग 8.79 लाख नकद, 50 लाख के सोने-चांदी के आभूषण, 56 लाख की फिक्स डिपॉजिट जानकारी और अन्य कीमती दस्तावेज मिले। वहीं, ओपल रेजेंसी (दाना पानी, भोपाल) स्थित फ्लैट से 26 लाख नकद, लगभग 2.649 किलोग्राम सोना (अनुमानित कीमत 3.05 करोड़) और 5.523 किलो चांदी (कीमत 5.93 लाख) बरामद हुई है। इसके साथ ही ग्राम सैनी (सोहागपुर) स्थित फार्महाउस से लोकायुक्त टीम को 17 टन शहद, कृषि भूमि, 6 ट्रैक्टर, 32 निर्माणाधीन कॉटेज, 7 तैयार कॉटेज, 2 मछली पालन केंद्र, 2 गौशालाएं और कई महंगे कृषि उपकरण मिले। मेहरा परिवार के नाम पर 4 लग्जरी कारें (फोर्ड एंडेवर, स्कोडा सलाविया, किया सोनेट और मारुति सियाज) रजिस्टर्ड पाई गईं। लोकायुक्त की टीम अब भी मेहरा से जुड़ी संपत्तियों, एफडी, शेयर और इंश्योरेंस दस्तावेजों की जांच में जुटी है।

लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर ने बताया कि जी.पी. मेहरा ने अपने और परिजनों के नाम पर भोपाल, नर्मदापुरम और सोहागपुर में कई करोड़ रुपए की नामी व बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। सत्यापन के बाद प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(2) सहपठित 13(1)(बी) के तहत केस दर्ज किया है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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