Madhya Pradesh

मप्रः सिवनी हवालाकांड मामले में कार चालक को सुरक्षित घर पहुंचाने और सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के हाईकोर्ट के आदेश

मप्र हाईकोर्ट ने दमोह के पैर धुलवाने वाले मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाने कहा

जबलपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिवनी हवालाकांड मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण आदेश देते हुये मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने हवाला का रुपया जब्त होने वाले कार चालक सोहनलाल परमार को, सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए पुलिस को निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि जहां-जहां चालक को रखा गया, वहां के सभी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएं।

जालना निवासी गंगाबाई परमार ने याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति सोहनलाल को पुलिस ने गैरकानूनी रूप से कई दिनों तक हिरासत में रखा था। गंगाबाई ने बताया कि 10 अक्टूबर को उनके पति को गिरफ्तार किया गया था। 12 अक्टूबर को छोड़े जाने के बाद जालना पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर सिवनी पुलिस के हवाले कर दिया। इस पर हाईकोर्ट ने सोहनलाल की मेडिकल जांच करवाने के भी आदेश दिए। याचिका में यह भी कहा गया कि इस पूरी प्रक्रिया में ट्रांजिट रिमांड नहीं ली गई और न ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिससे गिरफ्तारी की वैधानिकता पर सवाल उठे हैं।

उल्लेखनीय है कि सिवनी पुलिस ने नागपुर निवासी सोहन परमार से करीब 2.96 करोड़ रुपए जब्त किए थे। आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट में सिर्फ 1.45 करोड़ रुपए की जब्ती दिखाई और आरोपी को बिना कार्रवाई छोड़ दिया। जब मामला उजागर हुआ तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। इस सनसनीखेज मामले में सिवनी पुलिस ने अपने ही साथियों पर डकैती का केस दर्ज किया है।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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