Madhya Pradesh

मप्रः एकल सुविधा केन्द्र के रोजगार मेले में 105 युवाओं को मिला रोजगार

मप्रः एकल सुविधा केन्द्र के रोजगार मेले में 105 युवाओं को मिला रोजगार

– युवको ने हैदराबाद में किया प्रशिक्षण पूर्ण, L&T कंपनी ने देशभर के शहरों में किया पदस्थ

भोपाल, 17 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित “एकल सुविधा केन्द्र” लगातार महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज कर रहा है। इसी क्रम में 36वीं बटालियन, कनकी में 9 से 11 सितम्बर 2025 तक तीन दिवसीय रोजगार मेला आयोजित किया गया था, जिसमें लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (Larsen & Toubro Ltd.) द्वारा 105 युवाओं का प्रथम चरण में टेक्नीशियन पद पर चयन किया गया।

जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी द्वारा चयनित सभी युवाओं को हैदराबाद में दो माह का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें रहने, भोजन एवं यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था भी कंपनी द्वारा ही की गई थी। अब इन सभी 105 युवाओं ने अपने प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है तथा उन्हें देश के विभिन्न बड़े शहरों में L&T कंपनी के तकनीशियन के रूप में पदस्थ कर किया गया है। इनमें मुंबई, पुणे, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे औद्योगिक केंद्र शामिल हैं। यह उपलब्धि न केवल इन युवाओं के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे बालाघाट जिले के लिए प्रेरणास्रोत उदाहरण भी है।

“एकल सुविधा केन्द्र” की यह पहल युवाओं को न केवल रोजगार दिलाने का माध्यम है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक ठोस कदम भी है।

पुलिस प्रशासन का लक्ष्य है कि आने वाले समय में ऐसे रोजगार मेलों का नियमित आयोजन किया जाए ताकि अधिक से अधिक युवाओं को राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों में रोजगार के अवसर प्राप्त हों सकें। साथ ही, प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित की जाए जिससे वे स्थायी आजीविका की दिशा में अग्रसर हों। इस पहल ने बालाघाट पुलिस की छवि को केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक संरक्षक और विकास सहयोगी संस्था के रूप में स्थापित किया है। इस सफलता के साथ “एकल सुविधा केन्द्र” ने यह सिद्ध कर दिया है कि पुलिस और समाज के संयुक्त प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, समृद्धि और विकास का नया अध्याय लिखा जा सकता है।

(Udaipur Kiran) तोमर