Madhya Pradesh

म.प्र. विधान सभा पुस्तकालय, अनुसंधान एवं संदर्भ समिति ने नटनागर शोध संस्थान का अवलोकन

म.प्र. विधान सभा पुस्तकालय, अनुसंधान एवं संदर्भ समिति ने नटनागर शोध संस्थान का अवलोकन

विधायक डंग ने कहा – इस संस्थान में सीतामऊ साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया था जो कि साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है

मंदसौर 23 जून (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश विधान सभा पुस्तकालय, अनुसंधान एवं संदर्भ समिति ने नटनागर शोध संस्थान रघुवीर लाइब्रेरी एवं रिसर्च संस्थान का अवलोकन कर अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। इस दौरान समिति के सभापति एवं विधायक ओमप्रकाश सखलेचा एवं समिति के सदस्य जितेंद्र उदयसिंह पंड्या, सदस्य विवेक विक्की पटेल, सदस्य चैन सिंह वरकड़े, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, नगर परिषद अध्यक्ष मनोज शुक्ल सहित सीईओ जिला पंचायत अनुकुल जैन, सीतामऊ एसडीएम श्रीमती शिवानी गर्ग, नट नागर शोध संस्थान के अधिकारी, कर्मचारी, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य, शोधार्थी मौजूद थे।

पुस्तकालय अवलोकन एवं बैठक के दौरान समिति सभापति सखलेचा ने कहा कि पुस्तकालय में रखे ग्रन्थों में छुपे ज्ञान, उनकी सही जानकारी, भारत के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आम जनता को आसानी से मिलनी चाहिए। पुस्तकालय में कई ऐसे ग्रंथ हैं जो संस्कृत में है उनका सही अर्थ आम लोगों को पता चले। इस दिशा में कार्य करें। समिति आज इस संस्थान में अध्ययन के दृष्टिकोण से पहुंची है। इतिहास और लाइब्रेरी ऐसे विषय हैं जो जिंदगी के अनुभव बताते हैं। पहले किस तरह से ऑर्डर पास होते थे, कैसी व्यवस्था होती थी। इसकी जानकारी हमें इन ग्रंथो के माध्यम से मिलती हैं। समाज में कैसे परिवर्तन आए, समाज ने कैसे विकास किया आदि जानकारी पुस्तकालय के माध्यम से मिलती है। इतिहास के रहस्यों की जानकारी सामान्य भाषा में कैसे लोगों को प्राप्त हो, यह समिति का प्रमुख उद्देश्य है। पुस्तकालय में जितने भी ग्रंथ हैं उसकी प्रतिलिपि/ फोटोकॉपी शोधार्थी को मिले, इसके लिए प्रयास करें। इसकी जानकारियां जनता के बीच पहुंचे।

विधायक श्री डंग ने कहा कि विगत दिनों इस संस्थान में सीतामऊ साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। जो कि साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है। जिसके माध्यम से लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। इस नट नागर संस्थान के माध्यम से देश नहीं विदेश के विद्यार्थी भी ज्ञान का अनुभव यहां से प्राप्त करके ले जाते हैं। विश्व की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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