
रांची, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला मंच की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को भक्ति और आनंद का अनोखा संगम देखने को मिला। कथा वाचन के दौरान मां चैतन्य मीरा ने रुक्मणी विवाह, महारास और उद्धव-गोपि संवाद का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
कथा के प्रारंभ में संस्था की सदस्याें ने आरती उतारी। इसके बाद गुरु मां ने ध्यान और योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में तनाव और गृह क्लेश का एकमात्र समाधान प्रेम है। परिवारों में प्रेम की कमी ही दूरियों का कारण बनती है। उन्होंने गोपियों के भक्ति भाव का उल्लेख करते हुए बताया कि ज्ञान से श्रेष्ठ प्रेम है, क्योंकि प्रेम ही भगवान तक पहुंचने का सच्चा मार्ग है।
कथा के अंत में रुक्मणी हरण और विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर मंच ने एक जरूरतमंद जोड़े का विवाह संपन्न कराया और उन्हें गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक सामग्री और उपहार दिया।
मौके पर भक्तों ने मंगल गीत गाए और नृत्य के साथ आनंद उत्सव मनाया।
कार्यक्रम में नीरा बथवाल, रूपा अग्रवाल, गीता डालमिया, अनसूया नेवटिया, अलका सरावगी, मधु सर्राफ, उर्मिला पाड़िया, रीना सुरेखा, प्रीती पोद्दार, बीना मोदी, बीना बूबना, प्रीती बंका, प्रीती अग्रवाल, शोभा हेतमसरिया, संगीता गोयल, ममता बूबना, ललिता नारसरिया सहित अन्य मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
