Uttar Pradesh

भगवान शिव प्रेम, वैराग्य और तप से प्रसन्न होते हैं : धीरशांत दास

अति प्राचीन सिद्धपीठ श्री झारखंडी शिव मंदिर नागफनी में कथा का रसपान करते श्रद्धालु।
अति प्राचीन सिद्धपीठ श्री झारखंडी शिव मंदिर नागफनी में कथा का रसपान कराते आचार्य धीरशांत दास।

मुरादाबाद, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । अति प्राचीन सिद्धपीठ श्री झारखंडी शिव मंदिर नागफनी में आठ दिवसीय श्रीशिव महापुराण कथा के सातवें दिन गुरुवार को कथा व्यास एवं धर्मगुरु आचार्य धीरशांत अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान शिव प्रेम, वैराग्य और तप से प्रसन्न होते हैं।

धीरशांत अर्द्धमौनी ने बताया कि प्रेम की चाह है, यह बड़े सौभाग्य की बात है। उस इच्छा को छिपाये रखकर जीभ से निरन्तर महादेव शिव का नाम लीजिए इसमें कोई परिश्रम नहीं। फिर देखियेगा, यह इच्छा आग की तरह बढ़ने लगेगी। इसमें प्रयत्न करने पर निश्चय सफलता मिलेगी। मन लगना कठिन है, ठीक है, न सही पर जीभ से नाम का उच्चारण तो चाहने पर अवश्य होगा। आप एक ही काम करें, शेष सब भगवान् शंकर करेंगे, वह काम है जीभ से निरन्तर हरिहर नाम-जपें, अवश्य ही यह भगवत् कृपा पर निर्भर है। परन्तु भगवान्‌ शिव की आप पर कृपा है, विश्वास कीजिये।

कथा में महन्त भोलानाथ, उपमहन्त अमित नाथ बोबी, उपमहन्त अंकित नाथ, पंडित जगदम्बा प्रसाद पांडेय, नरेंद्र सुमन, कमल गोयल, नमन गोयल, इन्दरजीत शर्मा, सुधा शर्मा, सपना चौधरी, कृष्ण गुप्ता, संजय अग्रवाल, देवांश अग्रवाल, नेहा शर्मा, चंचल शर्मा, शोभा अग्रवाल, पूनम बंसल आदि रहे।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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