
जम्मू, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । एलजेके मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने मचैल माता यात्रा के अवसर पर एक अनोखी और पारंपरिक पहल की शुरुआत की है। सोसाइटी ने पाड्डर क्षेत्र की प्राचीन परंपरा फीमर को पुनर्जीवित करते हुए जौ (बार्ले) से बने लड्डुओं का उत्पादन और वितरण शुरू किया है। फीमर स्थानीय देवताओं को अर्पित की जाने वाली पारंपरिक मिठाई है। यह अब श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में प्रदान की जा रही है। यह पहल न केवल क्षेत्रीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करती है बल्कि इसे पोषण और आत्मनिर्भरता से भी जोड़ती है।
संस्थान की यह पहल केंद्र सरकार की श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा देने वाली मुहिम के साथ भी जुड़ी है। ये लड्डू जैविक रूप से उगाए गए जौ से बनाए जा रहे हैं जिसे पाड्डर की उच्च हिमालयी घाटियों में प्राकृतिक तरीकों से उगाया गया है। स्थानीय समुदाय द्वारा इन लड्डुओं को तैयार और पैक किया जा रहा है जिससे न केवल स्वाद और आस्था का संगम हो रहा है बल्कि आजीविका के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय किसानों, महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी है जिससे रोजगार बढ़ रहा है और सामुदायिक सहभागिता को बल मिल रहा है। एलजेके एमपीसीएस जम्मू-कश्मीर में ग्रामीण विकास, पारंपरिक उद्यमिता और जैविक संसाधनों पर आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
