Uttar Pradesh

लिव इन रिलेशन हमारी संस्कृति नहीं : आनंदीबेन

दीक्षांत समारोह में बोलतीं राज्यपाल

जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालयके सप्तम् दीक्षान्त समारोह में बोलीं राज्यपाल

बलिया, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को युवतियों को लिव इन रिलेशन को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है। अनाथालयों में पंद्रह-बीस साल की बेटियां एक-एक साल के बच्चे लेकर पड़ी हैं।

उन्होंने कहा कि लड़कियों के साथ क्या हो रहा है। लालच, होटल में खाना खिलाना और बच्चे पैदा कर भगा देना। यह हमारी संस्कृति नहीं है। बेटियों को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने युवाओं से भी नशे से दूर रहने की अपील की।

वे जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षान्त समारोह में बोल रही थीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन में बलिया की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को नमन करते हुए कहा कि यह धरती संतों, ऋषि-मुनियों, स्वतंत्रता सेनानियों और साहित्यकारों की तपोभूमि रही है। इसे पुण्य भूमि बनाए रखना है। उन्होंने मंगल पांडे, चित्तू पांडे, जयप्रकाश नारायण और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जैसे महापुरुषों को याद करते हुए बलिया की वीरगाथा का स्मरण किया।

पहली बार आयी थी दीक्षांत में तो लगा था कि यहां विवि क्यों बना। जलजमाव था। पूर्व की वीसी कल्पलता पाण्डेय का जिक्र करते हुए कहा कि बीते वर्षों में यह विवि अब धीरे धीरे विश्वविद्यालय जैसा लग रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार स्किल और नवाचार के लिए लगातार बजट दे रही है। राज्यपाल ने कहा कि हर विवि को बजट की मांग करनी चाहिए। भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण बनाना है। पूरे विवि परिसर में कम से कम एक लाख पौधे होने चाहिए ताकि तापमान कम रहे। पर्यावरण में बदलाव का अनुभव हम सभी कर रहे हैं। यूपी-बिहार में बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। बाढ़ और बादल फट रहे हैं। इससे देशवासी परेशान हैं। भूकंप भी अधिक आने लगे हैं, जिससे लोगों के मकान ध्वस्त हो जाते हैं। जनहानि होती है। दुनिया के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। ये कम कैसे हों, इस पर विश्वविद्यालयों को भी काम करना चाहिए। भारत सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। विवि ने कृषि पर कितना काम किया, यह देखना चाहिए। सुपर कंप्यूटर, सेमी कंडक्टर और एआई तकनीक के लिए विश्वविद्यालयों को काम करना चाहिए। पूर्वांचल में एक ही फसल होती है, जबकि तीन फसल लेनी चाहिए। इसलिए ऐसी फसल तैयार करना चाहिए ताकि साल भर किसान फसलों का लाभ ले सकें। कई विवि में एक क्लास में पचास एडमिशन होता है, लेकिन उसमें से दस विद्यार्थी ही आते हैं। अध्यापक कहता है कि स्टूडेंट नहीं आते, स्टूडेंट कहता है कि अध्यापक नहीं पढ़ाते तो विवि बंद कर दो। मेरे साथ एक टीम रहती है। हम विद्यार्थियों से भी बात करते हैं। हमें सब पता चल जाता है। जननायक चंद्रशेखर विवि में क्लासरूम सिर्फ भोजपुरी भवन में चलते हैं। एक भी हाॅस्टल नहीं है। लेकिन मैं बारिश के कारण माफ करती हूं।

विवि में जितने विद्यार्थी पढ़ते हैं, उन्हें 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होगी तो परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा। मैं कुलपति को साफ कहती हूं। 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होने पर भी परीक्षा देने दिया जाएगा तो मैं उसे कैंसल कर दूंगी। भारत को विकसित देश बनाना है तो हर अध्यापक और हर विद्यार्थी को शत प्रतिशत काम करना होगा। परीक्षा कब होगी और कब रिजल्ट आएगा, यह पहले ही घोषित करना होगा। समय का ध्यान देना पड़ेगा। मैंने राज्य सरकार से रिसर्च के लिए बजट देने के लिए कहा। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट मिले तो बजट की कमी नहीं होगी। ।

उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संकल्प लिया है, उसमें देश के प्रत्येक नागरिक को पूर्ण निष्ठा से योगदान देना होगा।

उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘मिशन शक्ति’ जैसे अभियानों को महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावशाली कदम बताया। समारोह में विभिन्न संकायों के 19,560 मेधावी छात्र-छात्राओं को पदक और उपाधियां प्रदान की गईं।

बलिया के सत्तू को मिलेगा जीआई टैग : डा. रजनीकांत

जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सप्तम् दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. रजनीकांत (जीआई मैन) ने बलिया की गौरवशाली सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत का स्मरण करते हुए कहा कि यह भूमि केवल क्रांति की नहीं, बल्कि चिन्तन, साधना, शिक्षा और संस्कृति की भी भूमि रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को ‘ज्ञान का उत्सव’ बताते हुए विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया।

यूपी में वोट के बदले था नकल का अधिकार : रजनी तिवारी

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों एवं स्वर्ण पदक विजेता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि अब आपके कर्मक्षेत्र में उतरने का समय है। अब समय है देश को आगे ले जाने में योगदान देने का। सभी विश्वविद्यालयों में मेडल पाने वालों में बेटियां आगे हैं। उन्हाेंने कहा कि यूपी में एक समय ऐसा था कि कहा जाता था कि तुम हमें वोट दो, हम नकल का अधिकार देंगे, लेकिन मोदी और योगी के नेतृत्व में परिस्थिति बदली है।

(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी

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