

धमतरी, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । शहर के आमापारा के पंचमुख हनुमान मंदिर के पास आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचिका पलक दुबे ने कहा कि वराह अवतार भगवान विष्णु का तीसरा अवतार है, जो पृथ्वी को हिरण्याक्ष नामक राक्षस से बचाने के लिए लिया गया था। गौकरण की कहानी में गौकरण अपने भाई की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए भागवत कथा का सहारा लेते हैं, जिससे उन्हें और सभी को ज्ञान, भक्ति और वैराग्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने आगे कहा कि गौकरण चरित्र एक अलग पौराणिक कथा है, जिसमें एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने आवाज के माध्यम से अपनी आवाज को इंद्रियों के साथ नियंत्रित किया और स्वयं को वराह की तरह बनाया। जब दैत्य हिरण्याक्ष ने पृथ्वी देवी भूदेवी को समुद्र में छिपा दिया, तो विष्णु ने सुअर (वराह) का रूप धारण कर पृथ्वी को बचाया। उन्होंने पृथ्वी को अपने दांत पर उठाया। हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को उसके स्थान पर स्थापित किया। गौकरण, वराह अवतार, और ज्ञान, भक्ति, वैराग्य की कथाएं अलग-अलग हैं। भागवत कथा में गौकरण के माध्यम से भक्ति और वैराग्य की कथा सुनाई गई है, जिसमें ज्ञान का समावेश है। गौकरण की कहानी में गौकरण अपने भाई की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए भागवत कथा का सहारा लेते हैं, जिससे उन्हें और सभी को ज्ञान, भक्ति और वैराग्य की प्राप्ति होती है। कथा सुनने के लिए अर्जुन नाग, प्रभा नाग, यशवंत सिन्हा, त्रिभुवन सिन्हा, रूपनारायण नाग, ज्ञानेश्वर ध्रुव, मुन्ना पटेल, उमेश नाग, हरि धीवर, जय गिदवानी, मनोज धीवर, धन्नु पटेल, राजकुमार धीवर, शैलेन्द्र कुमार, रेखा नाग, अहिल्या बाई समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा