
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली की उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना शुक्रवार को द्वारका में स्वचालित एंटी-स्मॉग मिस्टिंग प्रणाली का शुभारंभ किया। स्वचालित एंटी-स्मॉग मिस्टिंग प्रणाली एक ऐसी तकनीक है जो वायु प्रदूषण कम करने के लिए पानी की धुंध का छिड़काव करती है। ये सिस्टम हवा में मौजूद धूल कणों (जैसे पीएम2.5 और पीएम10) को भारी बनाकर जमीन पर गिरा देते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। इन्हें बिजली के खंभों और विशेष टावरों पर लगाया गया है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा स्थापित स्वचालित मिस्टिंग प्रणाली को नवंबर 2024 में परीक्षण के लिए इस्तेमाल की गई प्रणाली से संशोधित किया गया है। 7 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 166 स्ट्रीट लाइट पोल पर स्थापित यह स्वचालित सिस्टम प्रति घंटे केवल 2.8 लीटर पानी की खपत के साथ आरओ उपचारित पानी का उपयोग करेगा। इसका नोजल भी पहले 9 फीट की तुलना में अब 15 फीट की ऊंचाई पर लगाए गए हैं।
उपराज्यपाल ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि स्वचालित प्रणाली के लागू होने से द्वारका में एंटी-स्मॉग मिस्ट प्रणाली द्वारा कवर की गई कुल सड़क की लंबाई नौ किमी हो गई है। इससे यहां वायु प्रदूषण में 15 फीसद तक की कमी आने का अनुमान है। जमीन पर गिरने वाला मिस्ट स्प्रे सड़कों पर धूल के कणों को व्यवस्थित करने में मदद करेगा, जो वाहनों की आवाजाही के साथ हवा में उड़ते रहते हैं। इसके अलावा हवा में फैली धुंध, सड़क के किनारे लगे पौधों और पेड़ों पर धूल जमने से भी रोकेगी।
उपराज्यपाल ने वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए डीडीए के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए हर संभव कदम उठाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। छोटे-छोटे उपाय भी शहर की वायु गुणवत्ता पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समूहों के स्वास्थ्य संबंधी जोखिम कम होंगे।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
