जम्मू 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जम्मू में नए बीटेक, एमटेक, पीएचडी और एमएससी छात्रों के स्वागत में आयोजित उद्घाटन समारोह ‘नवरंभ‘ को संबोधित किया। अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने सभी छात्रों को उनकी नई यात्रा शुरू करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में उनके अनुकरणीय योगदान और दशकों से उल्लेखनीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षमताओं के विकास के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की सराहना की, जिसका दुनिया भर के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उपराज्यपाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तकनीकी उद्यमियों को सुविधाएँ और संसाधन प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आज का भारत विदेशों की तुलना में आईआईटी स्नातकों को बेहतर अवसर प्रदान करता है और मुझे विश्वास है कि आपकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से भारत भविष्य में नवाचार का केंद्र बनेगा।
उपराज्यपाल ने छात्रों से वैश्विक चुनौतियों के लिए नए समाधान विकसित करने, अप्रत्याशित भविष्य के लिए तैयार रहने और तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रहने का आह्वान किया।
उन्होंने आईआईटी जम्मू के संकाय सदस्यों को राष्ट्रीय महत्व के अनुसंधान कार्यक्रमों का विस्तार करने और उद्योग एवं राष्ट्र के सामने आने वाली वास्तविक समस्याओं के समाधान हेतु इंजीनियरिंग शिक्षा के स्तर में सुधार लाने की जिम्मेदारी भी सौंपी।
उपराज्यपाल ने कहा “ऑपरेशन सिंदूर ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की रक्षा प्रणाली अद्वितीय है।
यह सशस्त्र बलों और हमारे इंजीनियरों की एक बड़ी जीत थी और इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया है कि पारंपरिक युद्ध का युग समाप्त हो गया है और हमें भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना होगा। हमें रक्षा क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित करने होंगे और साइबर सुरक्षा, एआई-संचालित युद्ध और आधुनिक संचार प्रणालियों में नवाचारों को प्रोत्साहित करना होगा।
उपराज्यपाल ने टेक स्टार्टअप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमोबाइल और अंतरिक्ष क्षेत्रों में आईआईटी स्नातकों की भागीदारी और हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ ऊर्जा और पर्यावरण अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनमें निकट भविष्य में आईआईटी इंजीनियरिंग स्नातकों की बुद्धिमत्ता के नेतृत्व की आवश्यकता होगी।
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने बीटेक और एमटेक छात्रों के लिए चार नए कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। उन्होंने इस शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले नए पाठ्यक्रमों और नवाचार एवं स्टार्टअप के विचार को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में आवश्यक बदलाव करने के लिए आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रो. मनोज सिंह गौर और सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी।
प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स प्रोग्राम डेटा विश्लेषण के माध्यम से भविष्य के परिणामों का पूर्वानुमान लगाएगा। इसके एल्गोरिदम स्वास्थ्य सेवा, जोखिम प्रबंधन, संचालन और विपणन में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। यह न केवल उद्योगों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा, बल्कि इसे शासन और सार्वजनिक सेवाओं में भी लागू किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग भौतिकी कार्यक्रम का अंतःविषय दृष्टिकोण सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक इंजीनियरिंग के बीच की खाई को पाटेगा, जिससे नई तकनीकों के विकास में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम से उत्पाद विकास और फार्मास्यूटिकल्स में नए नवाचारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि टनल इंजीनियरिंग और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग जैसे एम.टेक कार्यक्रम, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में चुनौतियों के लिए आधुनिक और वैश्विक मानक समाधान प्रदान करेंगे।
आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रो. मनोज सिंह गौर ने संस्थान के शैक्षणिक कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर प्रगति कुमार, वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
