

नई दिल्ली, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । पेप्सिको इंडिया के पोटैटो चिप्स ब्रांड्स लेज ने भारतीय किसानों के चित्रों वाली एक सीमित-संस्करण पैक लॉन्च किए हैं। ये पैक आलू उगाने वालों और उन्हें खाने वालों के बीच के संबंध को उजागर करते हैं। सीमित समय के लिए चुनिंदा बाजारों में उपलब्ध ये लिमिटेड एडिशन क्लासिक साल्टेड पैक अब देशभर के रिटेल स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध होंगे। इसकी कीमत 50 रुपये है।
लेज ने शुक्रवार को मिट्टी से मुस्कान तक की इस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए पहली बार लिमिटेड एडिशन पैक पेश किया है। इस पैक में भारतीय किसानों को दर्शाया गया है। लेज ने अपने प्रतिष्ठित पैक को एक कहानी कहने वाले कैनवास में बदल दिया है, जिससे आलू उगाने वाले किसानों और उन्हें खाने वाले उपभोक्ताओं के बीच जुड़ाव और गहरा हो गया है। प्रत्येक पैक उपभोक्ताओं को उत्पाद का आनंद लेने के साथ-साथ खेत से लेकर पैक तक की यात्रा के बारे में जानने का अवसर देता है।
लेज के इन पैक की खासियत हैं पुरुष और महिला किसानों के हाथ से बने चित्र, जिनके चारों ओर खेती और फसल कटाई के जीवंत दृश्य दर्शाए गए हैं, जो मिट्टी से स्नैक तक की यात्रा को जीवंत कर देते हैं। लेज का यह सीमित संस्करण वाले पैक उपभोक्ताओं के लिए मिट्टी की चिट्ठी लेकर आए हैं। लेज की एक फिल्म जो किसान और जमीन के बीच के रिश्ते को दर्शाती है।
कंपनी ने बताया कि इन पैक्स में एक क्यूआर कोड है, जो उपभोक्ताओं को सीधे उस फिल्म तक ले जाता है जो धरती माता का किसानों के नाम एक पत्र है। यह मृदा स्वास्थ्य और देखभाल आधारित खेती के महत्व को रेखांकित करता है। इस पहल के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य में ‘मिट्टी जांच केंद्र’ यानी सॉइल हेल्थ टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की गई है। इसे किसानों को पुनर्योजी कृषि के प्रयासों में सहयोग देने के लिए शुरू किया गया है, जिसकी शुरुआत मिट्टी से होती है।
लेज ने इन तीन राज्यों में ये विशेष मिट्टी परीक्षण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां किसान मिट्टी के स्वास्थ्य से जुड़ी सटीक और समय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मिट्टी की पोषक संरचना, पीएच स्तर और आवश्यक इनपुट्स को बेहतर ढंग से समझने में मदद करके ये केंद्र किसानों को फसल की गुणवत्ता और उपज सुधारने के लिए ठोस और सूझबूझ भरे निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं। ये भारतीय किसानों को सम्मानित करने वाली अपनी पहल ‘मिट्टी की चिट्ठी’ को आगे बढ़ाया गया है।
पेप्सिको इंडिया के लेज मार्केटिंग डायरेक्टर सौम्या राठौर ने कहा, “हर लेज चिप्स की एक कहानी होती है। वह कहानी उसके क्रंच से बहुत पहले शुरू होती है। लेज खुशी और मुस्कान का प्रतीक है और हमारा मानना है कि हमारे लिए असली खुशी उन किसानों से शुरू होती है, जो बेहतरीन मिट्टी में उच्च गुणवत्ता वाले आलू उगाते हैं। अपने “मिट्टी की चिट्ठी” पैक के जरिए हम इन मिट्टी के नायकों की कहानी लेज पैक्स पर उनके चेहरे के साथ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हर क्लासिक साल्टेड पैक को बारीक, रंगीन और आकर्षक कलाकृतियों से सजाया गया है, जो किसानों, उनकी जमीन और हमारे पसंदीदा चिप्स के बीच के बंधन का उत्सव है।” सौम्या राठौर ने कहा कि आज पेप्सिको इंडिया अपने ब्रांड लेज के माध्यम से 14 राज्यों में 27,000 से अधिक किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है। लेज में इस्तेमाल होने वाले 100 फीसदी आलू भारतीय किसानों से लिए जाते हैं, जिससे यह ब्रांड देश में चिप-ग्रेड आलू का एक प्रमुख ख़रीदार बन चुका है।
उन्होंने बताया कि किसानों से जुड़ी कंपनी की कुछ प्रमुख पहलों में ‘फार्म इक्वल’ शामिल है, जिसके तहत 2,500 से अधिक महिला किसानों को प्रशिक्षण, उनके लिए विशेष उपकरणों का विकास और भारत की पहली महिला किसान डाक टिकट जारी कर उन्हें सम्मानित किया गया। ‘लेज स्मार्ट फार्म’, एक एआई-आधारित प्रणाली है जो किसानों को रीयल-टाइम में सलाह, पैदावार के अनुमान और बीमारियों की प्रारंभिक चेतावनी देती है, जिससे अब तक 15,000 एकड़ भूमि और 7,000 से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। इसके साथ ही ‘लेज बायोचार प्रोजेक्ट’ पराली जलाने की समस्या को कम करते हुए ग्रीनहाउस गैसों को घटाने और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक पुरस्कार विजेता पहल है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
