West Bengal

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का आरोप : राज्य की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्ति के कगार पर

शुभेंदु

कोलकाता, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार की लापरवाही और राजनीतिक स्वार्थ के कारण राज्य की शिक्षा व्यवस्था पतन के कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

अधिकारी ने बताया कि उनके नेतृत्व में पंद्रह सदस्यीय भारतीय जनता पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में शिक्षा व्यवस्था को बचाने और युवाओं के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।

ज्ञापन में कहा गया है कि उच्च माध्यमिक परीक्षा परिणाम घोषित हुए तीन महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। वहीं, संयुक्त प्रवेश परीक्षा के परिणाम भी राज्य में घोषित नहीं किए गए, जबकि अन्य राज्यों में न केवल प्रवेश पूरे हो चुके हैं, बल्कि कक्षाएं भी आरंभ हो गई हैं। अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में अभूतपूर्व स्थिति है। करीब पांच लाख छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वे बच्चों के भविष्य से अधिक वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण को तरजीह दे रही हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल न होने के बावजूद 76 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की साजिश कर रही है।

शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि सरकारी संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया रोककर निजी संस्थानों को फलने-फूलने देना शिक्षा संकट की बड़ी वजह है। उनके अनुसार, “मुख्यमंत्री शिक्षा व्यवस्था के पूर्ण निजीकरण की दिशा में बढ़ रही हैं और छात्रों के भविष्य को मुनाफाखोर संस्थानों के हाथों सौंप रही हैं।”

नंदीग्राम से विधायक अधिकारी ने राज्यवासियों से अपील करते हुए कहा कि यह लड़ाई आने वाली पीढ़ी के लिए है। हर जागरूक नागरिक को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी। आइए, हम सब मिलकर बंगाल के पांच लाख से अधिक छात्रों का भविष्य सुरक्षित करें।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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