
अजमेर, 28 अक्टूबर(Udaipur Kiran) । अजमेर के नये कोर्ट परिसर की चाबी का हस्तांतरण करने और नए परिसर को विधिवत काम में लेना शुरू करने के लिए बुधवार को प्रस्तावित समारोह में खलल पड़ गया है। अजमेर के वकीलों ने नए परिसर में वकीलों के बैठने की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं की लम्बित मांग पर निर्णय से पूर्व किसी भी रूप में नए परिसर को शुरू नहीं होने देने के लिए कोर्ट परिसर से बाहर सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
अजमेर जिला एवं सत्र न्यायालय के वकील मंगलवार को परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर एकत्र हुए और रास्ता जाम पर जिला जज के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मार्ग को जाम से मुक्त कराया। गौरतलब है कि अजमेर जिला न्यायालय परिसर के नए भवन में बुधवार से कामकाज शुरू होना है। इसे लेकर अजमेर जिला जज के निवेदन पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बुधवार को उद्घाटन कार्यक्रम के लिए अजमेर आना था। इससे एक दिन पूर्व ही वकीलों ने इसे अजमेर डीजे द्वारा पत्थर पर नाम लिखाने के लिए जल्दबाजी में किया जा रहा एक्शन करार दिया और उसका विरोध शुरू कर दिया।
एडवोकेट राजीव भारद्वाज बगरू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब तक वकीलों के लिए नए भवन में चैंबर व अन्य सुविधाएं नहीं हो जाती तब तक नए भवन में कामकाज शुरू नहीं करने दिया जाएगा। पूर्व अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्र भान सिंह राठौड़ ने बताया कि अजमेर ने नए परिसर में अदालतें तब ही शुरू होंगी जबकि वकीलों के लिए भी अधिवक्ता भवन में व्यवस्थाएं दुरस्त होंगी। उन्होंने कहा कि करीब 2000 वकीलों के बैठने के कोई इंतजाम सुनिश्चित नहीं किए गए है। अधिवक्ता भवन में कुछ कमरे हैं वहां कौन बैठेंगे यह तय नहीं है। सभागार का उपयोग किस रूप में होगा यह भी तय नहीं हैं। चंद्रभान राठौड़ ने कहा कि इस भवन का एक बार पहले ही उद्घाटन हो चुका है फिर उसे नए सिरे से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को बुला कर चाबी हस्तांतरण का आयोजन सिर्फ पत्थर पर नाम लिखवाने की जल्दबाजी ही कही जा सकती है। उन्होंने कहा कि अदालते वकीलों को न्यायाधीशों के सामूहिक समन्वय से ही चला करती है। ऐसे में जब वकील समुदाय ही खुश नहीं है तो नए भवन में अदालतों का हस्तांतरण संचालन कैसे होगा।
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(Udaipur Kiran) / संतोष