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भाषा और संस्कृति से बनती है समाज की पहचान- महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन

भाषा और संस्कृति से बनती है समाज की पहचान- महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन2

भीलवाड़ा, 18 जून (Udaipur Kiran) ।

हरि शेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि भाषा और संस्कृति ही किसी समाज की असली पहचान होती है। यदि बचपन में ही बच्चों को अच्छे संस्कार मिलें तो वही आगे चलकर देश का उज्ज्वल भविष्य बनते हैं। वे यह उद्गार सिन्धु सभा द्वारा आयोजित 15 दिवसीय बाल संस्कार शिविरों के सामूहिक समापन समारोह में व्यक्त कर रहे थे।

सभा के जिला प्रवक्ता पंकज आडवाणी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल, सिन्धुपति महाराज दाहरसेन एवं भारत माता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से की गई। इस अवसर पर वीरुमल पुरसानी, परमानंद गुरनानी, हीरालाल गुरनानी, लालचंद नथरानी व नरेंद्र रामचंदानी मौजूद रहे।

समारोह में भगवानदास नथरानी ने भी अपने विचार रखे और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। नगर प्रवक्ता किशोर लखवानी ने बताया कि शिविर में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया। इसके साथ ही सभी बच्चों को महामंडलेश्वर एवं मुस्कान फाउंडेशन की ओर से स्मृति भेंट भी प्रदान की गई।

समापन समारोह के दौरान शिविर में भाग लेने वाले बच्चों ने गायन, नृत्य और झूलेलाल के पंजडों पर सुंदर प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम का मंच संचालन ओमप्रकाश गुलाबानी ने किया।

इस वर्ष जिले में कुल 7 शिविरों का आयोजन किया गया, जो सिंधुनगर, बापूनगर, शास्त्री नगर, पंचवटी, मांडलगढ़, शाहपुरा और गुलाबपुरा में सम्पन्न हुए। इन शिविरों में 5 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति के साथ-साथ पेंटिंग, मेहंदी, ढोलक, गायन जैसी रचनात्मक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया।

शिविरों में निःशुल्क सेवा देने वाले सभी अध्यापकों और प्रशिक्षकों को समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन बालकों में संस्कार, भाषा प्रेम और सांस्कृतिक जुड़ाव को सशक्त करने की दिशा में एक प्रभावशाली पहल रहा।

समारोह में अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, कुनाल, मिहिर, किशोर कृपलानी, धीरज पेशवानी, नवीन मनवानी, सुग्नामल कलवानी, बलराम किशनानी, आसनदास लिमानी, भगत उद्धवदास दौलतराम सामतानी, गंगाराम पेशवानी, दीपक खूबवानी, कमल वेशवानी, किशोर पारदासानी, चीजनदास फतनानी, कन्हैयालाल जगत्यानी, चंद्र संगतानी, मीना लीमानी, आयुषी पेशवानी, दीपा मनवानी, मीना निम्रानी, बबीता नार्वानी, सुशीला पारवानी, ज्योति जेठानी, भावना लिमानी, मीनाक्षी साधवानी, दिव्या लालवानी, बाबूलाल टाक, ओमप्रकाश दमामी आदि प्रमुख रहे।

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(Udaipur Kiran) / मूलचंद

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