महाराष्ट्र सरकार का बड़ा निर्णय
मुंबई, 11 अकटूबर (Udaipur Kiran News) । देशभर में जमीनों से जुड़े विवाद बढ़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब जमीन से जुड़े किसी भी विवाद का फैसला एक महीने के अंदर किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने लाइसेंस प्राप्त निजी सर्वेक्षणकर्ताओं की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सुझाव पर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सरकारी भूमि सर्वेक्षकों की अपर्याप्त संख्या के कारण नाप-जोख के एक ही मामले में 90 से 120 दिन तक का समय लग जाता था। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। अब लंबित भूमि सर्वेक्षण के मामलों का 30 दिनों में निपटारा किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य में लंबित लगभग 3.12 करोड़ सर्वेक्षण मामलों के निपटारे में तेजी आएगी। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विश्वास जताया है कि उप-विभाजन, स्थायी सीमाएं, बंजर भूमि, गुंठेवारी, संयुक्त भूमि अधिग्रहण, वन अधिकार दावे, शहरी भूमि सर्वेक्षण, ग्राम भूमि सर्वेक्षण और सीमांकन और मालिकाना हक की गणना की प्रक्रिया अब शीघ्रता से पूरी हो सकेगी। यह राज्य के इतिहास में क्रांतिकारी निर्णय है। सरकार उच्च तकनीकी के कुशल लोगों को निजी भूमि सर्वेक्षक के रूप में लाइसेंस जारी करेगी। ये भूमि सर्वेक्षक अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके भूमि की नाप-जोख करेंगे। नाप-जोख के पूरा होने के बाद तहसील भूमि अभिलेख निरीक्षक, उप-अधीक्षक भूमि अभिलेख या नगर सर्वेक्षण अधिकारी नाप-जोख के दस्तावेजों की जांच करेंगे और उन्हें प्रमाणित करेंगे।
राजस्व मंत्री बावनकुले के अनुसार राजस्व विभाग ने एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। अक्सर जमीन के बिक्री विलेख में गलत विवरण के कारण बड़े विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। इस नई पद्धति से जमीन के लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और विवादों से बचा जा सकेगा।
—————
(Udaipur Kiran) / वी कुमार
