
गुवाहाटी, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के लामडिंग मंडल ने हाल ही में अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (यूएसएफडी) प्रयोगशाला का निर्माण किया है, जो रेल संरक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नव-स्थापित प्रयोगशाला का उद्घाटन लामडिंग के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) समीर लोहानी ने किया।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने शुक्रवार काे बताया कि रेल और वेल्ड में आंतरिक त्रुटियों का पता लगाकर रेल संचालन की संरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने में अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (यूएसएफडी) प्रयोगशाला एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करती है। इसमें मानक कैलिब्रेशन नमूने, विभिन्न प्रकार के अल्ट्रासोनिक जांच, तकनीकी दिशानिर्देश, प्रक्रियाएं और खंडित घटकों के उदाहरणात्मक चित्र भी शामिल हैं। व्यापक रूप से व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए इन संसाधनों का उपयोग किया जाता है, जिससे कर्मियों को त्रुटियों का पता लगाने और निवारक रखरखाव कार्यों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इस आधुनिक यूएसएफडी प्रयोगशाला में पिछले यूएसएफडी परीक्षणों के दौरान पाए गए दोषपूर्ण नमूनों का एक विशाल संग्रह है, जिसमें वेल्ड, रेल और स्विच एक्सपेंशन ज्वाइंट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें मानक कैलिब्रेशन नमूने, विभिन्न प्रकार की जांच, विस्तृत प्रक्रियाएं, संचालन संबंधी दिशा-निर्देश और टूटी हुई रेल और वेल्ड के फोटोग्राफिक प्रदर्शन भी शामिल हैं, जो बहुमूल्य शैक्षिक संसाधनों के रूप में काम करते हैं।
यह सुविधा पावर प्वाइंट प्रिजंटेशन और व्यावहारिक प्रदर्शनों के संचालन हेतु सुसज्जित है, जो रेलवे पर्यवेक्षकों और इंजीनियरों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण का वातावरण प्रदान करती है। प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम-सूची के तहत, रेल विभाग के 9 सहायक मंडल इंजीनियर और स्थायी पथ विभाग के 95 वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिसके अगस्त 2025 के अंत तक पूर्ण होने की उम्मीद है।
यह पहल, पूसीरे के अधीन लामडिंग मंडल द्वारा नवाचार और प्रशिक्षण के माध्यम से ट्रैक संरक्षा और अनुरक्षण मानकों को मजबूत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करती है।————————-
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
