Madhya Pradesh

लक्ष्मी और सरस्वती भी वहीं जाती हैं जहां सच्ची श्रद्धा होती है: पंडित प्रदीप मिश्रा

सात दिवसीय भागवत कथा
सात दिवसीय भागवत कथा

– सात दिवसीय भागवत कथा में उमड़ा आस्था का सैलाब

सीहोर, 2 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भक्ति में सबसे बड़ी शक्ति है। लक्ष्मी और सरस्वती भी वहीं जाती हैं जहां सच्ची श्रद्धा होती है। जिसके पास लक्ष्मी होती है, उसके पीछे दुनिया भागती है। जिसके पास सरस्वती होती है लक्ष्मी उसके पीछे भागती है और जिसके पास भक्ति होती है, दुनिया लक्ष्मी-सरस्वती सब उसके पीछे भागती है। इसलिए आपके जीवन में भक्ति की शक्ति को जाग्रत करने के लिए ही सत्संग और अच्छे विचार होना जरूरी है।

यह विचार मध्य प्रदेश के सीहोर में बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला में अग्रवाल महिला मंडल के तत्वाधान में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि माल और माला में क्या अंतर है, मालामाल बनने के लिए पहले माला पकड़ी चाहिए, माल अपने आप आ जाएगा, लेकिन दुनियावाले उल्टा करते है, माल पकड़ते है, जिससे माल भी चला जाता है और माला भी। इसलिए सबसे पहले माला को धारण करते हुए मालामाल बन जाना चाहिए। अगर भक्ति की माला आपके जीवन में आ जाएगी तो आपके जीवन में संतोष रूपी माल हमेशा यथावत रहेगा।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकर त्याग, तपस्या के मार्ग से मोक्ष तक ले जाए वो होती है भागवत कथा। जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीता हमें कार्य करने का उपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमें मरना सिखाती है। हमें जीवन के अंत समय में किस तरह और क्या कार्य करने चाहिए इस कथा से सीखने को मिलता हैं। जीवन में आने वाली समस्याओं से भागता है, उसे समस्याएं अपने नजदीक खींच लेती है इसलिए भागवत उपदेश देती है कि समस्याओं से भाग मत यानी इन समस्याओं पर विजय प्राप्त कर। पुरुष और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित होने से ही सृष्टि सुचारु रूप से चल पाती है। शिव पुरुष के प्रतीक हैं, तो पार्वती प्रकृति की। पुरुष और प्रकृति के बीच यदि संतुलन न हो, तो सृष्टि का कोई भी कार्य भलीभांति संपन्न नहीं हो सकता है। जहां भी शिव है वहीं पर कृष्ण भी है।

भागवत कथा में मंगलवार को जनसैलाब भमड़ पड़ा। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान शिव चरित्र का वर्णन किया। इस दौरान झांकी सजाई गई। इसमें शिल्पी शिव के रूप में और मुस्कान पार्वती के रूप में नजर आई। वहीं, बुधवार को वामन अवतार की झांकी सजाई जाएगी, वहीं विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में कथा का श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं को डोल ग्यारस के पावन अवसर पर फलहारी प्रसादी का वितरण किया जाएगा।

अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष रुकमणी रोहिला ने बताया कि बुधवार को कथा के तीसरे दिन वामन अवतार की कथा का वर्णन किया जाएगा। इस मौके पर भगवान वामन की झांकी भी सजाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पंडित मिश्रा के द्वारा शहर के अग्रवाल धर्मशाला में लंबे समय से भागवत कथा की जाती है, इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा कथा का श्रवण किया जा रहा है। अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष निलेश जयपुरिया, अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष रुकमणी रोहिला, उपाध्यक्ष प्रेमलला रुठिया, कोषाध्यक्ष संध्या मोदी, सचिव मोहिनी अग्रवाल और सह सचिव ज्योति मोदी आदि ने श्रद्धालुओं से कथा का श्रवण करने की अपील की।

(Udaipur Kiran) तोमर

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