
कोलकाता, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने सोमवार को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पैसे देकर मामले का निपटारा किया है।
सोमवार को कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीड़िता के पिता “झूठ और ड्रामे की सारी सीमाएं पार कर रहे हैं”। उन्होंने सवाल किया, “किसके कहने पर और किस जानकारी के आधार पर आपने मेरे खिलाफ ऐसे झूठे आरोप लगाए? मैं एक पिता के दर्द को समझता हूं, लेकिन इससे किसी भी व्यक्ति के बयान पर सवाल उठाना गलत नहीं होता।”
पीड़िता के पिता का आरोप है कि सीबीआई अधिकारियों ने उनसे कहा कि यह मामला वे छोड़ देंगे। उन्होंने दावा किया कि सीबीआई ने राज्य सरकार से पैसे लिए और कुणाल घोष कोलकाता स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में जाकर समझौता कर आए।
घोष ने इस आरोप पर तंज कसते हुए कहा, “मेरे खिलाफ दो सीबीआई मामले पहले से चल रहे हैं, मैं खुद कानून की लड़ाई लड़ रहा हूं, और मैं जाकर आर.जी. कर केस ‘सेटल’ करूंगा? और सीबीआई ऐसा करेगी? सबको पता है कि सीबीआई भाजपा के नियंत्रण में है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता के पिता हाल ही में भाजपा नेताओं के साथ ‘नवान्न अभियान’ (राज्य सचिवालय मार्च) में शामिल हुए थे। घोष ने आरोप लगाया, “सीबीआई के साथ मेरा नाम जोड़ना ठंडे दिमाग से रची गई आपराधिक साजिश है। आपके पास इस बारे में क्या जानकारी है या किसने आपको यह कहने को कहा, इसे उजागर करें।”
उल्लेखनीय है कि शनिवार को इस मामले की पहली बरसी पर आयोजित नवान्न अभियान के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान पीड़िता की मां को भी पुलिस ने पीटा जिसकी वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें मारा-पीटा, जिससे उनकी कलाई में पहनी पारंपरिक शंखा-पोला टूट गई, जो विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए शुभ प्रतीक मानी जाती है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
