
95वीं जयंती पर समर्थकों ने किए श्रद्धासुमन अर्पितहिसार, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजन लाल की 95वीं जयंती पर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, पंजाब सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों ने उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। आदमपुर स्थित उनके समाधि स्थल पर पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, पूर्व विधायक दुड़ाराम, पूर्व विधायक रेनुका बिश्नोई, पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई, विधायक रणधीर पनिहार सहित पारिवारिक व गणमान्य लोगों ने उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। कुलदीप बिश्नोई ने साेमवार काे कहा कि भजन लाल के शासनकाल में एक समृद्ध हरियाणा का निर्माण हुआ था। अपने शासनकाल में उन्होंने सम्पूर्ण हरियाणा को सींचते हुए विकास की बुलंदियों तक पहुंचाया था। चौ. भजन लाल प्रदेश की 36 बिरादरी के जनप्रिय नेता थे। उन्होंने अपने कामकाज से समाज के हर वर्ग में अपने लिए विशेष पहचान बनाई। आज भी प्रदेश के हर क्षेत्र में उनके द्वारा करवाए गए विकास कार्यों की झलक मिलती है। चौ. भजन लाल अपने आप में संपूर्ण संस्था थे। बंटवारे के समय उनकी जेब में मात्र पांच रूपए भी नहीं थे, न ही उनकी पीढिय़ों में कोई व्यक्ति दूर-दूर तक राजनीति में था, बावजूद इसके अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर वे पंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन से लेकर विधायक, मंत्री, सांसद, केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री पद के ओहदे तक पहुंचे। वे ऐसे इंसान थे, जिनके जादुई व्यक्तित्व से उनका विरोधी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका। सोशल मीडिया पर कुलदीप बिश्नोई ने पोस्ट करते हुए लिखा की ‘वो दिन जब एक महान आत्मा इस धरती पर आई थी, जिसने हमें सिर्फ जीवन नहीं दिया, बल्कि जीवन जीने का सही अर्थ भी सिखाया। उनकी सीख, उनका अनुशासन, उनका प्रेम—ये सब आज भी हमारे हर कदम के साथ हैं। पिताजी सिर्फ एक पिता नहीं थे, वे हमारे पहले शिक्षक, हमारे पहले मित्र और हमारे सबसे बड़े आदर्श थे। उनकी आंखों में हमेशा हमारे लिए सपने थे, और उनके दिल में सिर्फ हमारी खुशियाँ। आज जब हम पीछे मुडक़र देखते हैं, तो एहसास होता है कि उन्होंने हर संघर्ष को मुस्कुराकर झेला—ताकि हमें जीवन आसान मिले। उनकी दी हुई सीख आज भी हमारे भीतर एक दीपक की तरह जल रही है। पिताजी, आपकी यादें शब्दों में नहीं समा सकतीं। आपका आशीर्वाद ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। आप भले ही नजऱ नहीं आते, पर हर सुबह की रोशनी में, हर सफलता की चमक में, और हर मुस्कान के पीछे आप ही हैं। आपका जन्मदिन हमारे लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक भाव है: आपके प्रति प्रेम, आदर और कृतज्ञता का प्रतीक। आप हमेशा हमारे साथ हैं, हर सांस में, हर प्रार्थना में।’
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
