
कानपुर, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी विज्ञान, नीति और समाज की ज़रूरतों का संगम है। हमने एक ऐसी इमारत की नींव रखी है, जो पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि यह भवन संस्थान की सस्टेनेबिलिटी रिसर्च को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
यह बातें शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी (केएसएस) की बिल्डिंग की शिलान्यास के दाैरान कही। कार्यक्रम में प्रोफेसर ब्रज भूषण (उप-निदेशक, आईआईटी कानपुर), प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी (डीन, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी), कोटक महिंद्रा बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, संस्थान के डीन, कई फैकल्टी सदस्य, वरिष्ठ प्रशासक और केएसएस सलाहकार परिषद के सदस्य उपस्थित रहे।
कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी की बिल्डिंग को एलईईडी प्लैटिनम प्रमाणित और नेट ज़ीरो एनर्जी बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन, ऊर्जा की बचत करने वाली तकनीकें और इको-फ्रेंडली निर्माण विधियों का इस्तेमाल होगा। निर्माण में बांस, हैम्पक्रीट, इंजीनियर्ड वुड, माइसेलियम आधारित मटेरियल और रीसाइक्लिंग की गई सामग्री का उपयोग किया जाएगा। साइट पर मौजूद सिल्वर ओक के पेड़, जल स्रोत और प्राकृतिक भू-आकृति को संरक्षित किया जाएगा।
कोटक महिंद्रा बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव रतन ने कहा कि इस पहल के माध्यम से कोटक बैंक अपनी सस्टेनेबिलिटी के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दोहराता है। हम गर्व से इस परियोजना को समर्थन दे रहे हैं, जो जलवायु संरक्षण ऊर्जा बदलाव और समावेशी विकास के लिए समाधान तैयार करेगी।
यह बिल्डिंग 18,450 वर्ग मीटर में फैली होगी और इसमें 25 से अधिक आधुनिक रिसर्च लैब्स, फैकल्टी ऑफिस, पीएचडी छात्रों, पोस्ट-डॉक्टरल फेलोज और स्टाफ के लिए विशेष स्थान होंगे। साथ ही सेमिनार हॉल, इंटरैक्टिव ज़ोन, ईको-ज़ोन और पर्यावरण-अनुकूल सुविधाएं जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्किंग, साइकिल सुविधा, और सार्वजनिक परिवहन तक आसान पहुंच भी मौजूद रहेंगी। यह भवन टिकाऊ जीवनशैली और पर्यावरणीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिससे यह भविष्य की शिक्षा के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
