West Bengal

कोलकाता लॉ कॉलेज सामूहिक दुष्कर्म मामला: पीड़िता ने दूसरे संस्थान में स्थानांतरण की लगाई गुहार

कसबा लॉ कॉलेज

कोलकाता, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।

दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में जून माह में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई प्रथम वर्ष की छात्रा ने अब उसी कॉलेज में आगे पढ़ाई जारी रखने से इनकार कर दिया है। छात्रा ने एक अन्य संस्थान में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है। इस संबंध में कलकत्ता विश्वविद्यालय को आवेदन प्राप्त होने की पुष्टि हुई है।

पीड़िता के पिता ने शुक्रवार को बताया, “मेरी बेटी ने कॉलेज से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) मांगा है और कॉलेज इस दिशा में सहयोग कर रहा है। उसने कलकत्ता विश्वविद्यालय को भी स्थानांतरण के लिए पत्र लिखा है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि बेटी का करियर प्रभावित न हो, लेकिन उसे उस कैंपस में वापस नहीं भेजा जाएगा।

विदित हो कि 25 जून की शाम छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में कथित तौर पर पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा और उसके दो साथी—जो मौजूदा छात्र हैं—ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। दोनों वर्तमान छात्र बाद में निलंबित कर दिए गए थे। विश्वविद्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।

पीड़िता के पिता ने कॉलेज की कार्यकारी उप-प्राचार्य नैना चटर्जी से मुलाकात कर एनओसी की मांग रखी। कॉलेज में लंबे समय से स्थायी प्राचार्य नहीं है और प्रशासनिक जिम्मेदारी चटर्जी संभाल रही हैं। हालांकि उन्होंने मामले पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि मामला विचाराधीन है।

विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति संता दत्ता ने कहा, “हमें परिवार की ओर से कॉलेज बदलने का अनुरोध मेल द्वारा प्राप्त हुआ है। हम इसे सहानुभूतिपूर्वक देख रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि पीड़ित छात्रा जुलाई में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हुई थी, लेकिन उसे कॉलेज परिसर के बजाय किसी अन्य केंद्र से परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी। पीड़िता के पिता ने कहा कि वह अभी भी मानसिक आघात से उबर रही है और ऐसे माहौल में उस कैंपस में पढ़ाई करना उसके लिए संभव नहीं है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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